2019 Lok Sabha Polls: शरद पवार का बड़ा बयान, कहा-कांग्रेस और NCP साथ लड़ेंगे लोकसभा चुनाव
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मुंबई। साल 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए कड़ी चुनौती बनने वाला है क्योंकि उसके खिलाफ सारी विरोधी पार्टियां आपस में एक साथ होने की जुगत में हैं, हालांकि ये इतना आसान नहीं है लेकिन सभी विरोधी दलों की प्राथमिकता इस वक्त बीजेपी को परास्त करना है और इसी कारण विपक्षी राजनीतिक पार्टियां भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए नए-नए समीकरण बुन रही हैं। महाराष्ट्र भी इस बात से अछूता नहीं है, वहां भी एनडीए सरकार को परास्त करने की रणनीति बनाई जा रही है।
शरद पवार का बड़ा ऐलान
यहां सत्तारुढ़ भाजपा के खिलाफ कांग्रेस और एनसीपी ने हाथ मिला लिया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और एनसीपी के बीच महागठबंधन होगा। उन्होंने कहा कि 'महागठबंधन' 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए है, जिसमें मजबूत क्षेत्रीय दलों को सीट बंटवारे में बड़ी हिस्सेदारी मिलने की संभावना है। पवार ने पूर्वी महाराष्ट्र के गोंदिया में कांग्रेस और राकांपा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने बाद मराठी भाषा में अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ये ऐलान किया है।
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जनवरी के पहले हफ्ते में आखिरी फैसला
फिलहाल, कांग्रेस और एनसीपी में सीटों के बंटवारे को लेकर प्लानिंग हो गई है, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीटों के बंटवारे को लेकर तैयार किया गया मसौदा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार को सौंप दिया है, अब इन दोनों नेताओं को जनवरी के पहले हफ्ते में आखिरी फैसला लेना है।
भाजपा के लिए चुनौती
महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटों के लिए कांग्रेस ने एनसीपी के साथ गठबंधन कर लिया है, मीडिया सूत्र कह रहे हैं कि इस गठजोड़ में प्रकाश आंबेडकर की पार्टी, सीपीआई और सीपीएम, समाजवादी पार्टी और भाई पाटिल की वीडब्लूपी भी शामिल हो सकती है। पिछले लोकसभा चुनावों में भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने 48 में से 40 पर जीत दर्ज की थी। भाजपा को 22, जबकि शिवसेना को 18 सीटें मिली थी। कांग्रेस महज दो सीट और एनसीपी पांच सीटें जीती थी।
भाजपा-शिवसेना vs कांग्रेस-एनसीपी
लेकिन आज हालात बदले हुए हैं, ऐसे में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को कांग्रेस-एनसीपी से कड़ी चुनौती मिल सकती है, भाजपा और शिवसेना के भी रिश्ते में भी तनातनी देखने को मिल रही है, जिस तरह से शिवसेना, बीजेपी पर कड़े प्रहार कर रही है, उससे लगता नहीं कि आपस में दोनों के सब ठीक है, ऐसे में महागठबंधन निश्चित तौर पर भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।
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