नरेश त्रेहन बोले जुलाई-अगस्त तक दूर हो सकती है वैक्सीन की किल्लत, दिसंबर तक इतने लोगों को लगेगा टीका
नई दिल्ली, 26 मई: मेदांता हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहन कहा है कि भारत में कई तरह की नई कोरोना वायरस वैक्सीन आ रही हैं। इसलिए जुलाई-अगस्त तक वैक्सीन डोज की कमी दूर हो जाने की उम्मीद है। यही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि इस साल दिसंबर तक देश में 60 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग जाने की संभावना है। उन्होंने यूके के बारे में कहा कि उन्होंने शुरू में पहली और दूसरी डोज के अंतर को 12 हफ्ते तक बढ़ा दिया था और भारत ने भी उसे अपनाया। लेकिन, अब उन्होंने वायरस के नए वेरिएंट के चलते उसे फिर से कम करके 8 हफ्तों का कर दिया है।
'दिसंबर
तक
60
करोड़
लोगों
को
वैक्सीन
लग
जानी
चाहिए'
डॉक्टर
त्रेहन
ने
कहा
है
कि
'हम
वैक्सीन
के
मैन्युफैक्चरिंग
हब
हैं।
पहले
से
ही
हर
महीने
7
से
8
करोड़
डोज
उपलब्ध
हैं,
लेकिन
इसे
और
बढ़ाने
की
जरूरत
है।
क्योंकि,
हमारी
आबादी
बहुत
ही
ज्यादा
है,
इसलिए
60
से
70
करोड़
लोगों
को
वैक्सीन
देनी
जरूरी
है,
इससे
पहले
कि
हम
कह
सकें
कि
हमने
हर्ड
इम्यूनिटी
हासिल
कर
ली
है।
यदि
आप
दो
डोज
के
भीतर
वायरस
के
संपर्क
में
आ
जाते
हैं
तो
यह
बेहतर
है
कि
करीब
6
हफ्तों
पर
लगवाएं,
फुल
इम्यूनिटी
के
लिए
अधिकतम
8
हफ्तों
पर
लगवाएं।
कई
सारी
नई
वैक्सीन
आ
रही
हैं
और
हम
उम्मीद
कर
रहे
हैं
कि
जुलाई-अगस्त
तक
कोई
किल्लत
नहीं
रहेगी।
साल
के
अंत
तक
दिसंबर
से
पहले
हमें
60
करोड़
लोगों
को
दोनों
डोज
लगा
देने
में
सक्षम
हो
जाना
चाहिए।'
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20
करोड़
टीके
लगाने
वाला
दूसरा
देश
बना
भारत
ब्रिटेन
में
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका
वैक्सीन
की
दो
डोज
में
अंतर
को
12
हफ्तों
से
कम
करने
के
बारे
में
वे
बोले-
'यूके
में
उन्होंने
कहा
कि
दो
डोज
के
बीच
अंतर
को
12
हफ्तों
तक
बढ़ाया
जा
सकता
है
और
भारत
ने
भी
उसे
अपनाया।
लेकिन,
अब
यूके
में
यह
पता
चला
कि
नए
बी.1.617
म्यूटेशन
के
खिलाफ
एक
डोज
कारगर
नहीं
है
और
अब
उन्होंने
अंतराल
को
घटाकर
8
हफ्ते
कर
दिया
है।'
इस
बीच
केंद्रीय
स्वास्थ्य
मंत्रालय
ने
कहा
है
कि
अमेरिका
के
बाद
भारत
कुल
20
करोड़
टीके
लगाने
वाला
दूसरा
देश
बन
गया
है
और
यहां
60
साल
से
ज्यादा
उम्र
की
42
फीसदी
आबादी
को
वैक्सीन
की
पहली
डोज
लगाई
जा
चुकी
है।