मुद्रा योजना और किसान क्रेडिट कार्ड के नाम पर बैंकों को लगा 500 करोड़ का चूना, PMO में की शिकायत
नई दिल्लीः बैंकों के घोटाले थमने का नाम नहीं ले रहे, अब नया मामला बिहार में सामने आया है, जहां पांच से ज्यादा सरकारी बैंकों को करीब पांच सौ करोड़ का चूना लग चुका है। ये घोटाला किसान क्रेडिट कार्ड, मुद्रा लोन के वितरण में सामने आया है। बताया जा रहा है कि कर्ज वितरण में घोर अनियमितता बरती गई है। इस पूरे मामले में पीएमओ में दो शिकायतें दर्ज कराई हैं।
विजय कुमार चौधरी ने की शिकायत
घोटाले के बारे में शिकायत करके वित्त मंत्रालय, बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, केंद्रीय सतर्कता आयोग, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के अधिकारियों को भी इसके बारे में बताया गया है।
500 करोड़ रुपए से ज्यादा का है घोटाला
बिहार में इस घोटाला का खुलासा उस वक्त हुआ जब संवैधानिक संस्था ‘अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय आयोग' के सदस्य रह चुके विजय कुमार चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी को खत लिखकर इस बारे में जानकारी दी कि उन्होंने इस संबंध में पूरे सुबूत इकट्ठे किए हैं। दावा किया गया है कि बिहार में ये घोटाला लगभग 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का है। विजय कुमार ने सीबीआई जांच की मांग की है।
19 फरवरी को लिखा गया था खत
विजय कुमार ने प्रधानमंत्री कार्यलाय और वित्तमंत्रालय को पहला खत 19 फरवरी को लिखा था, इसमें सासाराम के बैंक ऑफ इंडिया के महरोर ब्रांच की शिकायत की गई थी। विजय ने आरोप लगाया है कि बैंक ऑफ इंडिया की इस शाखा से 2012 से 2017 के बीच में 100 करोड़ से ज्यादा रुपयों का घोटाला किया है।
'क्रेडिट कार्ड के कर्ज फर्जी दस्तावेज बनाए गए'
शिकायतकर्ता विजय ने आरोप लगाया है कि मुद्रा लोन और किसान क्रेडिट कार्ड के कर्ज फर्जी दस्तावेजों बनाकार पैसे दे दिए गए। किसानों का इसका फायदा नहीं मिला। चौधरी ने कई बैंकों पर आरोप लगाए, इसी कड़ी में उन्होंने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा और इलाहाबाद बैंक के दिनारा ब्रांच में भी कुछ इसी तरह का घोटाला हुआ है और यहां भी इन सरकारी योजनाओं के नाम पर भ्रष्टाचार हुआ है।
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