कांग्रेसी नेता से भिड़ा ट्रैफिक सूबेदार, प्रशासन ने भेजा 'तनाव मुक्ति' केंद्र
इंदौर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में ट्रैफिक पुलिसकर्मी अरुण सिंह और एक कांग्रेस नेता की बीच हो रही बहस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर इन काफी तेजी से वायरल हो रहा है। घटना इंदौर के राजावाड़ा इलाके की है। यहां तैनात ट्रैफिक सूबेदार अरुण सिंह का दो मिनट 34 सेकंड का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह राजनीतिक दबाव में आए बिना ड्यूटी निभाने की बात कह रहे हैं। इसके बाद बुधवार को सूबेदार अरुण सिंह को "तनाव से मुक्ति" की ट्रेनिंग पर एक हफ्ते के लिए भेज दिया गया।
अरुण सिंह का कांग्रेस के एक नेता से झगड़ा हो गया
मंगलवार को राजवाड़ा क्षेत्र में चालान बनाने की बात को लेकर ट्रैफिक सूबेदार अरुण सिंह का कांग्रेस के एक नेता से झगड़ा हो गया। दरअसल, नेता मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चला रहे थे। इस पर ट्रैफिक सूबेदार ने उसे रोका और कार्रवाई की बात कही। जिसके बाद दोनों काफी तीखी बहस हुई थी। वायरल वीडियो में वह युवक कांग्रेस के एक नेता का नाम लेकर ट्रैफिक सूबेदार पर कार्रवाई नहीं करने का दबाव बना रहा था। वीडियो में सूबेदार का कहना था कि उन्होंने चलती बाइक पर मोबाइल से बात कर रहे नीलेश जैन नाम के एक व्यक्ति को रोका था। इस पर नीलेश के साथी अखिलेश जैन नेताओं की धौंस देने लगे। इन तथाकथित नेता और उनके रिश्तेदारों ने सूबेदार से कहा कि अब प्रदेश में कांग्रेस का राज है और आपको यहां रहना है तो बात माननी पड़ेगी।
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चाहे बाला बच्चन की धमकी दे, चालानी कार्रवाई करूंगा
वायरल हुए वीडियो में ट्रैफिक पुलिस का अधिकारी कह रहा है कि, मैं सूबेदार अरुण सिंह, थाना ट्रैफिक पश्चिम, चाहे बाला बच्चन की धमकी दे, चालानी कार्रवाई करूंगा। आपने गलती करी है तो चालान तो बनेगा ही। कोई नियम तोड़ेगा तो उसे चालान तो भरना पड़ेगा। यह लोग मुझे कांग्रेस के नेताओं का नाम लेकर धमकी दे रहे है। यह कह रहे हैं कि मप्र में हमारी सरकार है और यदि राजवाड़ा में रहना है तो हम पर कार्रवाई नहीं करें। मैं यह कहना चाहता हूं कि चाहे मैं यह वर्दी उतार दूंगा लेकिन नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई अवश्य करुंगा, चाहे कोई मुझे बाला बच्चन के नाम से डराए या किसी अन्य नाम से।
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अरुण सिंह को "तनाव से मुक्ति" की ट्रेनिंग पर एक हफ्ते के लिए भेजा गया
वीडियो वायरल होने के बाद अरुण सिंह को "तनाव से मुक्ति" की ट्रेनिंग पर एक हफ्ते के लिए भेजा गया है। इस मामले पर जानकारी देते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रूचि वर्धन मिश्रा ने कहा कि, यह कोई सज़ा नहीं है। मैंने सूबेदार अरुण सिंह से बात की है। हमने यातायात पुलिस के सूबेदार अरुण सिंह को एक सप्ताह के प्रशिक्षण के लिये भेजा है। यह प्रशिक्षण पुलिस के एक स्थानीय संस्थान में दिया जायेगा जिसमें उन्हें तनाव प्रबंधन और पेशेवर दक्षता का पाठ पढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा, "कई बार पुलिस कर्मियों को किसी पारिवारिक परेशानी या अन्य कारणों के चलते ड्यूटी पर तनाव का सामना करना पड़ता है। मुझे उम्मीद है कि हफ्ते भर के प्रशिक्षण के बाद यातायात पुलिस के सूबेदार को थोड़ी राहत मिलेगी।
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वाह, राहुल गांधी जी वाह, क्या यही कांग्रेस का कानून के प्रति सम्मान है
इंदौर के ट्रैफिक सूबेदार को फील्ड से हटाने के मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ट्विटर पर कहा- कमलनाथ सरकार ने इस निडर पुलिस अफ़सर को अपना कर्तव्य निभाने के लिए और कांग्रेस की गुंडागर्दी को न मानने पर लाइन अटैच करवा दिया है। वाह, राहुल गांधी जी वाह, क्या यही कांग्रेस का कानून के प्रति सम्मान है...?
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