PNB स्कैम: मेहुल चोकसी की मुसीबत बढ़ी, भारत-एंटीगा के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि
नई दिल्ली। देश छोडकऱ एंटीगुआ भागे पीएनबी घोटाला के मास्टरमाइंड मेहुल चोकसी पर शिकंजा कसने के लिए भारत और एंटीगा ने प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। ऐसे में अब मेहुल चोकसी को कानूनी प्रक्रिया के तहत भारत लाया जा सकता है। इस संधि के बाद चोकसी को भारत लाने को लेकर मोदी सरकार की एक सफलता मानी जा रहा है क्योंकि मेहुल के भारत से भाग जाने के बाद से विपक्ष लगातार सरकार पर हमला कर रहा है।
भारत सरकार ने कहा है कि प्रत्यर्पण संधि 1962 के प्रावधान एंटीगा ऐंड बरबुडा पर भी लागू होंगे। इससे पहले एंटीगा ने कहा था कि दोनों देशों के राष्ट्रमंडल का सदस्य होने के नाते उसके कानून में चोकसी के प्रत्यर्पण का स्कोप है, भले ही दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि न हो।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चोकसी के नागरिकता आवेदन को रोकने के संबंध में भारत द्वारा प्रतिकूल रिपोर्ट नहीं दिए जाने पर एंटीगुआ के अधिकारियों ने नवंबर 2017 में उसे वहां की नागरिकता दे दी थी। चोकसी इस साल चार जनवरी को भारत से भाग गया था और उसने 15 जनवरी को एंटीगुआ में निष्ठा की शपथ ली थी। उसकी नागरिकता को नवंबर 2017 में मंजूरी मिली थी।