भारत में अल्पसंख्यकों पर दिए इमरान के बयान के बाद MEA ने पाक को लगाई लताड़
नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दिसंबर में कहा था कि भारत में अल्पसंख्यकों पर के साथ बराबर व्यवहार नहीं दिया जाता है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की टिप्पणी भारत के सभी नागरिकों के लिए अपमान करने जैसी हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान के पीएम ने एक बार फिर से भारत की धर्मनिरपेक्ष राजनीति और लोकाचार के बारे में अपनी समझ की कमी का दिखाया है।
विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत में सभी धर्मों के नेता हैं जो इसके सर्वोच्च संवैधानिक और आधिकारिक पदों पर काबिज हैं। भारत ने तंज कसते हुए कहा कि गैर-इस्लामी विश्वास के पाकिस्तानी नागरिकों को वहां उच्च संवैधानिक कार्यालयों में काम करने से रोक दिया जाता है। अल्पसंख्यक अक्सर अपने पीएमईएसी जैसे सरकारी निकायों से दूर हो जाते हैं, यहां तक कि 'नया पाकिस्तान' (इमरान का नारा) में भी यही हाल है।
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में इमरान खान ने नसीरुद्दीन शाह का नाम लेते हुए कहा था कि आज के हिंदुस्तान में यही हो रहा है, जो जिन्ना ने कहा था कि वहां मुसलमानों को बराबर का दर्जा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा था, 'मैं नसीरूद्दीन शाह का पढ़ रहा था, वह जो बातें कर रहे हैं वह बातें जिन्ना कह चुके थे। वे समझते थे कि हिंदुस्तान में मुसलमानों को बराबर का नागरिक नहीं माना जाएगा। वही आज हिंदुस्तान में हो रहा है। खान ने कहा था कि हम मोदी सरकार को दिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसे व्यवहार करते हैं। भारत में लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यकों के साथ समान नागरिकों की तरह व्यवहार नहीं हो रहा है। यदि कमजोर को न्याय नहीं दिया गया तो इससे विद्रोह ही उत्पन्न होगा। इसका उदाहरण बांग्लादेश है।