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अंतिम सांस तक गोवा की सेवा करना चाहते थे मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर

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नई दिल्ली। पिछले काफी समय से बीमार चल रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार शाम 63 साल की उम्र में निधन हो गया। वे खतरनाक पैन्क्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे और पिछले कुछ समय से गोवा में ही उनका इलाज चल रहा था। मनोहर पर्रिकर की गिनती देश के सबसे ईमानदार और बेदाग छवि वाले नेताओं में होती थी। पैन्क्रियाटिक कैंसर के बावजूद मनोहर पर्रिकर मुख्यमंत्री के अपने दायित्व को आखिरी वक्त तक निभाते रहे। पिछले महीने ही नाक में ट्यूब लगी होने के बावजूद वे विधानसभा में बजट पेश करने पहुंचे थे।

'अपनी अंतिम सांस तक गोवा की सेवा करूंगा।'

'अपनी अंतिम सांस तक गोवा की सेवा करूंगा।'

इस बीमारी के बारे में पता चलने के बाद से मनोहर पर्रिकर का गोवा, मुंबई, दिल्ली और न्यूयॉर्क के अस्पताल में इलाज होता रहा। अस्पताल से बाहर आने के बाद वे तुरंत अपने काम में जुट जाते थे और सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी वे अक्सर दिखाई देते थे। पिछले कुछ समय से उनकी नाक में ट्यूब लगी रहती थी और वे शारीरिक रूप से कमजोर हो गए थे जिसको लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा था। लेकिन इसी साल जनवरी में मनोहर पर्रिकर ने कहा था, 'अपनी अंतिम सांस तक गोवा की सेवा करूंगा।'

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आईआईटी ग्रेजुएट थे मनोहर पर्रिकर

आईआईटी ग्रेजुएट थे मनोहर पर्रिकर

आईआईटी ग्रेजुएट मनोहर पर्रिकर शुरुआती दिनों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे और बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे। मनोहर पर्रिकर अपने साफ-सुथरे रिकॉर्ड और सरल जीवन शैली के लिए जाने जाते थे। अक्सर उनको ट्रेडमार्क हाफ-शर्ट में और स्कूटर की सवारी करते हुए देखा जाता था। पर्रिकर आमजन के लिए हर समय उपलब्ध रहते थे।

पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव इन्होंने ही दिया था

पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव इन्होंने ही दिया था

मनोहर पर्रिकर को गोवा से बेहद लगाव था लेकिन वे गोवा के मिजाज के उलट अपना जीवन व्यतीत करते थे। वे गोवा की चकाचौंध वाली दुनिया से अलग 18-18 घंटे रोजाना काम किया करते थे। इसका जिक्र उन्होंने कुछ सालों पहले एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में भी किया था। पर्रिकर को बीजेपी के सबसे सफल मुख्यमंत्रियों में से एक माना जाता था। उन्होंने एक ऐसे राज्य में पार्टी को मजबूती दी जहां बड़ी संख्या में ईसाई वोटर हैं। ये मनोहर पर्रिकर ही थे जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव दिया था।

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4 बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे पर्रिकर

4 बार गोवा के मुख्यमंत्री रहे पर्रिकर

1978 में उन्होंने IIT Mumbai से मेटलर्जिक इंजीनियरिंग से स्नातक किया था। ये उनके काम करने का अंदाज और उनकी बेदाग छवि ही थी जिसके कारण पीएम मोदी ने मनोहर पर्रिकर को देश का रक्षा मंत्री बनाया और अपने कैबिनेट में जगह दी। साल 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी को बहुमत नहीं मिला तब छोटे-छोटे दलों ने शर्त रखी कि अगर मनोहर पर्रिकर मुख्यमंत्री होते हैं वे बीजेपी को समर्थन देने को तैयार हैं। इसके बाद मनोहर पर्रिकर को गोवा भेज दिया गया और चौथी बार उन्होंने गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया।

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English summary
Manohar Parrikar wanted to serve goa till last breath
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