ममता ने NRC पर कविता लिख बीजेपी पर साधा निशाना, मन की बात सुनते हो ....तुम देशद्रोही हो
नई दिल्ली। असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर भाजपा पर लगातार कड़ा हमला बोल रही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब कविता के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। तीन भाषाओं में लिखी हुई इस कविता को उन्होंने सोमवार को अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया। इस कविता का शीर्षक बंगाली में पोरिचोई, हिंदी में परिचय और अंग्रेजी में आइडेंटिटी है। उन्होंने कविता में लिखा कि भगवा पार्टी के खिलाफ विरोध जताने वालों के लिए देश में कोई जगह नहीं है। बांग्ला में लिखी यह कविता ममता के हस्ताक्षर व तारीख के साथ उनके ऑफिशियल फेसबुक पेज पर पोस्ट की गई है।
दो पन्नों की इस कविता में मुख्यमंत्री लिखा है, 'तुम्हारी पदवी क्या है? तुम्हारे पूर्वजों का परिचय क्या है, भाषा क्या है, धर्म क्या है, क्या खाते हो, नहीं जानते तो, तो जाओ फिर इस पृथ्वी पर तुम्हारी कोई जगह नहीं।' आगे लिखा है 'तुम कौन हो? तुम्हारा परिचय क्या है, कहां रहते हो, कहां से शिक्षा हासिल की, सब बताओ, नहीं तो तुम देशद्रोही हो।'
ममता बनर्जी आगे लिखती हैं कि, यदि लोग अपनी पहचान और आवास साबित नहीं कर पा रहे हैं, तो कैसे उन्हें देशद्रोही के साथ जोड़ा जा रहा है। कविता के तीसरे पैराग्राफ में वो केंद्र सरकार पर तंज करते हुए लिखती हैं कि तुम्हारा वेशभूषा क्या है? तुम्हारे पूर्वजों का क्या नाम है? क्या तुम्हारा गोबर-धन (जन-धन) बैंक खाता है? नहीं है तो तुम घुसपैठिए हो।
कविता के चौथे पैराग्राफ में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने सवालिया लहजे में लिखा कि, तुम मन की बात सुनते हो? क्या तुम शासक के विरूद्ध लिखते हो? क्या तुम्हारा फोन नंबर आधार से जुड़ा है? क्या तुम पे(बी) टी(ए)म के सदस्य हो? सबकुछ रजिस्टर्ड है क्या? क्या तुम शोषक का विरोध करते हो? तब तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है। तुम उग्रपंथी हो। बता दें कि, असम में एनआरसी पर 30 जुलाई को ड्राफ्ट जारी किया गया था। इसमें 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं थे।