सुप्रीम कोर्ट में बोले मुकुल रोहतगी- 'एक पवार उनके पास है, एक हमारे पास'
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में चल रही सियासी उठापटक पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने राज्यपाल के फैसले के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले में तीन जजों स्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच सुनवाई कर रही है। अब सुप्रीम कोर्ट कल फैसला सुनाएगा।
भाजपा की ओर से मुकुल रोहतगी ने अपनी दलीलें दीं, वहीं विपक्ष की ओर से कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी बहस कर रहे हैं।
सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने कहा कि अजीत पवार ने उन्हें कहा है कि हमारा समर्थन आपके साथ है। एक पवार उनके पास है और एक हमारे पास है। रोहतगी ने कहा कि अजीत पवार ने विधायकों के समर्थन की चिट्ठी दी थी। उन्होंने दस्तखत को भी सही ठहराया है। रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल ने दस्तावेज देखने के बाद ही फैसला लिया है।
राज्यपाल पर आरोप क्यों?
सुनवाई के दौरान रोहतगी ने कहा कि विधानसभा में मत विभाजन होगा, लेकिन राज्यपाल पर आरोप क्यों? उन्होंने बहुमत परीक्षण के लिए कहा है, लेकिन ये कब होगा, इसे तय करने का अधिकार राज्यपाल के पास है। रोहतगी ने कहा कि क्या अदालत विधानसभा के एजेंडे को तय तक सकती है? इसमें अदालत का काम क्या है। उन्होंने कहा कि बहुमत परीक्षण कराना स्पीकर का काम है, फिर चाहे इसमें एक दिन लगे या दस दिन। ये तो होना ही है।
अजीत पवार की चिट्ठी पर क्या बोले रोहतगी?
रोहतगी ने अजीत पवार की चिट्ठी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने चिट्ठी में 54 विधायकों का समर्थन होने की बात कही है। उसमें लिखा है कि वह भाजपा को समर्थन दे रहे हैं। चिट्ठी में लिखा है कि देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ के लिए बुलाया जाए। रोहतगी ने कहा कि यहां एनसीपी का एक पवार हमारे पास है और एक उनके पास। जिनके पारिवारिक झगड़े से हमे कोई लेना देना नहीं है।
झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं
रोहतगी ने कहा कि हमपर खरीद फरोख्त के झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। विपक्ष तो अब विधायकों के दस्तख्तों को भी फर्जी कहेगा। मुकुल रोहतगी ने फडणवीस का पक्ष रखते हुए कहा कि जो हमारा दोस्त था, अब वह दुश्मन बन गया है। रोहतगी ने कहा कि जब अजीत पवार ने कहा कि उनके पास 53 विधायकों का समर्थन है और वह विधायक दल के नेता हैं, तभी उन्होंने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा किया है।
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