महाराष्ट्र: CM उद्धव की कैबिनेट का वह मंत्री जो कभी लगता था सब्जी का ठेला, आज हजारों करोड़ों की सपंत्ति का मालिक
मुंबई। गुरुवार को मुंबई के शिवाजी पार्क में शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे ने राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। एतिहासिक मौके पर कुछ और सदस्यों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई जिसमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता छगन भुजबल भी शामिल थे। छगन की जिंदगी अपने आप में काफी इंट्रेस्टिंग है। कभी एक सब्जी बेचने वाले भुजबल आज महाराष्ट्र की राजनीति का अहम हिस्सा हैं।कहा जाता है कि उनके पास आज की तारीख में 3000 करोड़ रुपए की संपत्ति है।
मां की थी फल की दुकान
15 अक्टूबर 1947 यानी देश को आजादी मिलने के दो माह बाद भुजबल का जन्म महाराष्ट्र में हुआ। यह बात और भी दिलचस्प है एक ओबीसी नेता के तौर पर भुजबल ने अपना राजनीतिक करियर सन् 1960 में शिवसेना के साथ ही शुरू किया था। राजनीति में आने से पहले भुजबल मुंबई की भायखला मार्केट में सब्जी का ठेला लगाते थे। यहीं पर उनकी मां की एक छोटी सी फल की दुकान भी थी। वीजेआईटी मुंबई से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा लेने के बाद भुजबल राजनीति की तरफ मुड़ गए। भुजबल उस समय शिवसेना की विचारधारा से काफी प्रभावित थे और खासतौर पर उनका झुकाव सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे के लिए था।
क्यों छोड़ी शिवसेना
भुजबल एक कट्टर शिवसैनिक के तौर पर आगे बढ़ते गए और पार्टी के शुरुआती सदस्यों के साथ काम करने लगे। महाराष्ट्र के हर हिस्से में शिवसेना के वर्चस्व को कायम करने का श्रेय भुजबल को भी दिया जाता है। शिव सेना ने सन् 1989 में हिंदुत्व के मुद्दे पर भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया। 1990 में शिव सेना के 52 विधायक पहली बार चुने गए। बाल ठाकरे ने विपक्ष के नेता की कुर्सी मनोहर जोशी को दे दी जबकि इस पर भुजबल की नजर थी। कहते हैं कि इसी वजह से उन्होंने शिव सेना छोड़ने का फैसला कर लिया।
1991 में जुड़े कांग्रेस से
साल 1991 में उनका पार्टी से मोह भंग हो गया और उन्होंने कांग्रेस ज्वॉइन कर ली। कुछ साल बाद भुजबल कांग्रेस से भी अलग हो गए और उस समय शरद पवार ने अपनी पार्टी एनसीपी की शुरुआत की। भुजबल, पवार खेमे में आ गए। 25 साल तक भुजबल शिवसेना हिस्सा रहे और दो बार मुंबई के मेयर बने। वह शिवसेना के उन विधायको में शामिल हैं जिसकी वजह से पहली बार मंझगांव की सीट पार्टी के हिस्से में आई थी। भुजबल इस क्षेत्र से नहले 1985 और फिर 1990 में चुने गए थे। साल 2003 में भुजबल महाराष्ट्र के सीएम थे लेकिन उन्होंने अंधेरी में मराठियों के ऑफिस पर हुए हमले के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
साल 2016 में हुए गिरफ्तार
साल 2014 में महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना की सरकार आई और भुजबल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। मार्च 2016 में दिल्ली में बने महाराष्ट्र सदन घोटाला मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज हुआ और इसके बाद उन्हें मुंबई की उसी ऑर्थर रोड जेल में रखा गया जहां पर कसाब जैसे आतंकी रखे गए थे। चार मई, 2018 को उन्हें जमानत मिली। जो बात सबसे दिलचस्प है वह यह है कि भुजबल ऑर्थर रोड की उसी अंडा सेल में रहे थे जिसका निर्माण उन्होंने ही करवाया था।
करोड़ों के घरों के मालिक!
साल 2015 की एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एंटी-करप्शन ब्यूरो की तरफ से हुई छापेमारी की कार्रवाई में भुजबल और उनके रिश्तेदार के ऐसे 17 फ्लैट्स के बारे में जानकारी मिली थी जो मुंबई और ठाणे में थे। इसके अलावा नासिक और पुणे में छह बंगले, नवी मुंबई में नौ दुकानें, लोनावला में उनके बंगले पर एक हैलीपैड और नासिक में ही एक 46,500 स्क्वॉयर फीट की जगह जिसे भुजबल फॉर्म्स नाम दिया गया था, एसीबी को मिले थे। इसके अलावा 25 कमरों, कुछ जिम और एक स्विमिंग पूल वाली महलनुमा संपत्ति के बारे में भी ब्यूरो को जानकारी मिली थी। इसकी कीमत करीब 100 करोड़ रुपए थी। जबकि साल 2014 में भुजबल ने अपने चुनावी नामांकन में सिर्फ 22 करोड़ की संपत्ति ही बताई थी।