शिवराज सरकार ने पांच बाबाओं को दिया राज्य मंत्री का दर्जा
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भोपालः मध्यप्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वोटर्स को लुभाने के लिए शिवराज सरकार कोई मौका नहीं छोड़ रही है। शिवराज सरकार ने मंगलवार को साधु-संतों को लुभाने के लिए पांच साधुओं को राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया है। इन पांच साधुओं के नाम हैं- नर्मदानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज, कम्प्यूटर बाबा, भय्यू महाराज और पंडित योगेंद्र महंत।
कांग्रेस ने साधा शिवराज सरकार पर निशाना
इस साधुओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिया तो कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा है- ‘ऐसा कर मुख्यमंत्री शिवराज अपने पापों को धोने की कोशिश कर रहे हैं। यह चुनावी साल में साधु-संतों को लुभाने की सरकार की कोशिश है।'
31 मार्च को सरकार ने बनाई थी समिति
31 मार्च को मध्यप्रदेश सरकार ने समिति बनाई थी, जिसमें ये फैसला लिया गया। सरकार द्वारा लिया गया ये आदेश तुंरत प्रभाव से लागू होगा। सरकार की ओर से कहा गया है कि सरकार ने उन्हें यह तोहफा दिया है। ये संत लोगों को नर्मदा के संरक्षण को लेकर जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें स्वच्छता का संकल्प भी दिलाएंगे।
ये पांच बाबा ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा' निकालने वाले थे
बता दें, पिछले साल 2 जुलाई को 6.67 करोड़ पौधे लगाने के दावे को महाघोटाला बताया गया था और ये पांच बाबा ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा' निकालने वाले थे। ऐलान किया गया था कि इन बाबाओं के नेतृत्व में 28 मार्च को संत समाज के साथ बैठक में फैसला लिया गया था कि प्रदेश के 45 जिलों में 6.5 करोड़ पौधों की गिनती कराई जाएगी। अब सरकार के राज्यमंत्री बनाते ही बाबाओं के सुर बदल गए हैं, उन्होंने कहा है कि अब हम घाटों पर जनजागरण करने जाएंगे।
बाबाओं को मिलेंगी ये सुविधा
राज्यमंत्री बनने के बाद इन बाबाओं को कई सरकारी सुविधाएं दी जाएंगी। 7500 रुपए का मासिक वेतन दिया जाएगा, वहीं गाड़ी और 1000 किमी का डीजल दिया जाएगा। मकान के किराए के तौर पर 15000 रुपए मकान का किराया दिया जाएगा, वहीं 3000 रु. सत्कार भत्ता मिलेगा। इन्हें स्टाफ मिलेगा और ये अपना पीए भी रख सकेंगे।
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