हार के साइड-इफेक्ट: एमपी के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने की इस्तीफे की पेशकश
नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद मध्य प्रदेश के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने इस्तीफे की पेशकश की है। राकेश सिंह ने विधानसभा चुनावों में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है, हालांकि अमित शाह ने राकेश सिंंह का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है। इसके पहले बुधवार को, चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने सीएम पद से अपना इस्तीफा दे दिया था।
राकेश सिंंह ने की इस्तीफे की पेशकश, शाह ने किया नामंजूर
वही, खबर आ रही है कि राकेश सिंह का इस्तीफा आलाकमान ने मंजूर नहीं किया है। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राकेश सिंह के इस्तीफे की पेशकश ठुकराते हुए उन्हें और कड़ी मेहनत करने और संगठन को मजबूत को कहा है। राकेश सिंह मध्य प्रदेश में बीजेपी के कद्दावर नेता हैं। मध्य प्रदेश में मिली हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए राकेश सिंह ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की थी।
मध्य प्रदेश में बीजेपी को मिली हार
बुधवार को राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद शिवराज सिंह ने कहा था, 'अब मैं मुक्त हूं, मैंने अपना इस्तीफा माननीय राज्यपाल को सौंप दिया है। प्रदेश में हार की पूरी जिम्मेदारी मेरी है, मैंने कमलनाथ जी को जीत के लिए बधाई दी है। इस दौरान शिवराज सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता को दोहराते हुए कहा कि ना हार में, ना जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं, कर्तव्य पथ पर जो भी मिले, ये भी सही वो भी सही।
कांग्रेस की मध्य प्रदेश में 15 साल बाद वापसी
मध्य प्रदेश में 15 सालों से सत्ता पर काबिज बीजेपी को केवल 109 सीटें ही हासिल हुईं जबकि कांग्रेस को 114 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस को बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत थी जिसके लिए बसपा और सपा ने समर्थन देने का ऐलान कर पार्टी की राह आसान कर दी है।
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