क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Bihar Election: सहरसा में पत्नी के सहारे लौटेगी बाहुबली की सत्ता या बीजेपी की 'ताकत' पड़ेगी भारी ?

Google Oneindia News

पटना। bihar assembly elections 2020: बिहार में कोसी का अपना महत्व है। ऐसा ही कोसी इलाके में पड़ने वाले सहरसा (Saharsa) का है जहां इस बार बदले समीकरणों के चलते चुनाव काफी रोचक हो गया है। महागठबंधन के हिस्से से राजद ने यहां पर बाहुबली आनंद मोहन सिंह की पत्नी लवली आनंद को टिकट दिया है। लवली आनंद कुछ समय पहले ही राजद में शामिल हुई थीं। भाजपा ने क्षेत्र के अपने पुराने चेहरे आलोक रंजन झा पर ही एक बार फिर दांव लगाया है।

Saharsa Seat

Recommended Video

Bihar Election 2020: क्या विधायक जी आपको भी ऐसे बना रहे हैं 'Ullu' ? | वनइंडिया हिंदी

सहरसा में सियासी पारा गरम
लवली आनंद के मैदान में आने से सहरसा का सियासी पारा पूरी तरह गरम है। लवली आनंद के पति आनंद मोहन का कभी इस इलाके में दबदबा हुआ करता था लेकिन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में वे जेल में सजा काट रहे हैं। सहरसा जिला आनंद मोहन का क्षेत्र रहा है जिसके चलते राजद को जीत की उम्मीद है। 1990 में पहली बार वे जिले की महिषी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। खास बात ये थी तब उन्हें जनता दल और लालू का साथ भी मिला था। हालांकि मंडल कमीशन के बाद आरक्षण को लेकर आनंद मोहन अलग हो गए और अपनी पार्टी बिहार पीपुल्स पार्टी बना ली। इस दौरान वे क्षेत्र के साथ ही बिहार में क्षत्रियों के नेता बनकर उभरे थे। लवली आनंद के आने से राजद नेताओं को उम्मीद है कि उन्हें सवर्ण वोटों का फायदा होगा जिसके चलते सिर्फ इसी सीट ही नहीं बल्कि आस पास की सीटों पर भी असर होगा।

पार्टी बदलने में माहिर आनंद
वैसे आनंद मोहन और लवली आनंद के बारे में कहा जाता है कि ये कपड़ों से तेज पार्टी बदलते हैं। ऐसे में पार्टी बदलना लवली आनंद बिहार पीपल्स पार्टी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, हिंदुस्तान अवाम पार्टी के टिकट के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं। अब चुनाव के पहले वह राजद में शामिल हुईं और पार्टी ने सहरसा से उन्हें अपने सिटिंग विधायक का टिकट काटकर दे दिया। 2015 में यहां राजद के अरुण कुमार ने भाजपा के आलोक रंजन को 40 हजार से ज्यादा वोट से हराया था लेकिन ये तब हुआ था जब राजद और जेडीयू एक साथ थे। वरना 2010 में आलोक रंजन यहां से चुनाव जीत चुके हैं।

भाजपा के पास लौटी ताकत
भाजपा ने एक बार फिर से आलोक रंजन झा को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा और जेडीयू के पुराने गठबंधन में यह सीट भाजपा के खाते में थी। आलोक रंजन झा 2010 में यहां से विधायक रहे हैं। तब उन्होंने भाजपा के टिकट पर राजद के निवर्तमान विधायक अरुण कुमार को 7 हजार से अधिक वोटों से हराया था। लेकिन 2015 में बिहार की सियासत में हुए नए गठजोड़ में जेडीडू और राजद साथ हुए तो आलोक रंजन को यहां 39,206 वोटों के विशाल अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा। अरुण कुमार को 102850 मिले थे जबकि आलोक रंजन को 63644 वोट पाकर रह गए। हालांकि बिहार में बीजेपी की अपनी ताकत जेडीयू एक बार फिर से उसके साथ है। 2005 के बाद जब दोनों साथ आए हैं विरोधी पस्त हुए हैं।

भाजपा के लिए बागी बनेंगे मुसीबत
आलोक रंजन के लिए पार्टी के दूसरे नेताओं की नाराजगी सबसे बड़ी मुश्किल होगी। आलोक रंजन को टिकट मिलने से नाराज पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने पार्टी छोड़ दी। मुन्ना ने पीएम मोदी और जेपी नड्डा को चिठ्ठी लिखकर सवाल किया है कि पार्टी ऐसे व्यक्ति को टिकट कैसे दे सकती है जो पिछला चुनाव 40 हजार वोट से हार गया है ? ऐसे में नाराज लोगों को साध कर साख रखना आलोक रंजन के लिए बड़ी चुनौती है। फिलहाल आलोक रंजन के लिए एक बार फिर से जेडीयू और भाजपा का साथ होना सबसे बड़ी उम्मीद है।

क्षेत्र की अगर बात करें तो यहां पर 3,61,829 मतदाता हैं। इनमें पुरुष मतदाता 1,88535 हैं जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 1,73,213 है। अंतिम चरण में 7 नवम्बर को होने वाले मतदान में यहां पर 512 केंद्रों पर वोट डाले जाएंगे।

तेजस्वी ने नामांकन के दौरान दी झूठी जानकारी, सुशील मोदी ने लगाया आरोप, बोले- चुनाव आयोग जाएगी भाजपातेजस्वी ने नामांकन के दौरान दी झूठी जानकारी, सुशील मोदी ने लगाया आरोप, बोले- चुनाव आयोग जाएगी भाजपा

Comments
English summary
lovely anand vs alok ranjan jha on saharsa assmebly Constituency in bihar elections
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X