कौन सी हैं यूपी की वो 6 सीटें, जिन्हें अखिलेश-मायावती से मांग रही है RLD
आखिर यूपी की वो कौन सी 6 सीटें हैं, जिन्हें जयंत चौधरी महागठबंधन में अखिलेश-मायावती से मांग रहे हैं।
नई दिल्ली। 2019 का लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, देश का सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। सियासी तौर पर सबसे ज्यादा हलचल यूपी में देखने को मिल रही है। 2017 के विधानसभा चुनाव से सबक लेते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती यूपी में महागठबंधन बनाने जा रहे हैं। इस महागठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल को भी शामिल किए जाने की खबरें हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन आरएलडी की एक मांग से इस महागठबंधन में एक पेंच फंसता हुआ नजर आ रहा है। दरअसल राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने उन 6 सीटों की सूची सौंपी है, जिन्हें वो महागठबंधन में आरएलडी के लिए चाहते हैं।
ये हैं वो 6 सीटें
आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया, 'राष्ट्रीय लोकदल यूपी में बनने वाले महागठबंधन का एक हिस्सा है और पार्टी नेतृत्व ने इस गठबंधन में 6 सीटों की मांग की है। यूपी की जिन 6 लोकसभा सीटों की मांग आरएलडी की तरफ से की गई है, वो हैं- बागपत, मथुरा, मुजफ्फरनगर, हाथरस, अमरोहा और कैराना। सीट बंटवारे पर कोई भी फैसला तभी लिया जाएगा जब जयंत चौधरी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात करेंगे। संभवतः 15 जनवरी को मायावती इस संबंध में महागठबंधन के नेताओं से बात कर सकती हैं। आरएलडी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी 12 जनवरी को लखनऊ आएंगे।'
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वर्तमान में आरएलडी के पास केवल एक लोकसभा सांसद है। हाल ही में पश्चिमी यूपी की कैराना लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में तबस्सुम हसन आरएलडी के टिकट पर सपा और बसपा के समर्थन से भाजपा उम्मीदवार मृंगाका सिंह को हराकर लोकसभा चुनाव जीती थीं। तबस्सुम हसन समाजवादी पार्टी में ही थीं, लेकिन उन्हें आरएलडी के टिकट पर चुनाव लड़वाया गया था। ऐसे में आरएलडी की 6 सीटों की मांग महागठबंधन में पेंच फंसा सकती है। इस उपचुनाव में कांग्रेस ने भी अपनी ओर से प्रत्याशी नहीं उतारा था, लेकिन महागठबंधन को लेकर आ रही शुरुआती खबरों के मुताबिक कांग्रेस को इसमें शामिल नहीं किया जा रहा है।
कांग्रेस के लिए केवल 2 सीटें
आपको बता दें कि हाल ही में खबर आई थी कि 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर अखिलेश यादव और मायावती यूपी में सीटों के बंटवारे की डील लगभग फाइनल कर चुके हैं। बीते शुक्रवार को अखिलेश यादव अचानक दिल्ली स्थित मायावती के बंगले पर पहुंचे और बसपा अध्यक्ष से मुलाकात की। सूत्रों के हवाले से खबर आई कि दोनों पार्टियों ने फिलहाल यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 76 पर महागठबंधन के तहत साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया है। बाकी बची 4 सीटों में से दो सीटें अमेठी और रायबरेली कांग्रेस के लिए छोड़ी जा सकती हैं, जबकि दो सीटों पर फैसला होना अभी बाकी है। अखिलेश-मायावती के बीच करीब 2 घंटे की मुलाकात हुई।
37-37 सीटों पर सपा-बसपा
सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव और मायावती के बीच 76 में से 37-37 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने की सहमति बनी है। इस सहमति को लेकर हालांकि बसपा या सपा में से किसी ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले कुछ ही दिनों में सीट बंटवारे का आधिकारिक ऐलान कर दिया जाएगा। यहां एक अहम खबर यह भी है कि समाजवादी पार्टी को मिली 37 सीटों में से ही अखिलेश यादव निषाद पार्टी और पीस पार्टी को भी सीटें देंगे। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में अखिलेश को इन दोनों पार्टियों का साथ मिला था। गोरखपुर में तो निषाद पार्टी प्रमुख के बेटे को ही सपा के टिकट पर लड़ाया गया था।
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