कठुआ गैंगरेप: 'ब्राह्मणों ने रोकने की हरसंभव कोशिश, वर्दी ने मेरी हिम्मत टूटने नहीं दी'
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के कठुआ गैंगरेप और मर्डर केस ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस केस की जांच को अंजाम तक पहुंचाने वाली SIT की एक मात्र महिला सदस्य पुलिस ऑफिसर श्वेताम्बरी शर्मा ने छानबीन के दौरान आने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया है। अंग्रेजी वेबसाइट 'द क्विंट'से खास बातचीत में श्वेताम्बरी ने बताया कि जिन लोगों पर हमें 8 साल की मासूम बच्ची के साथ बेरहमी से रेप और हत्या करने का शक था, वो लोग, उनके रिश्तेदार और समर्थक समेत तमाम वकीलों ने मिल कर हमारी तफ्तीश में खलल डालने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। उन्होंने हमें प्रताड़ित और अपमानित किया। लेकिन हम आखिर तक टिके रहे"।
श्वेताम्बरी ने बताया कि उन लोगों ने हमें निराश करने की सारी सीमाएं पार कर दीं लेकिन हम मजबूती से अंत तक टिके रहे। 2012 की जम्मू पुलिस सेवा की अधिकारी श्वेताम्बरी ने बताया, इस केस की जांच के दौरान हमने कई बाधाओं को पार किया। श्वेताम्बरी ने बताया कि छानबीन में जब हमने ये जाना कि हीरानगर पुलिस स्टेशन के लोगों को केस छिपाए रखने के रिश्वत दी गई है और उन्होंने मारी गई लड़की के कपड़ों को धुल दिया और साक्ष्य को नष्ट कर दिया।
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उन्होंने मुझे प्रभावित करने की कोशिश की और तरह-तरह से ये बात कही कि वे एक धर्म और एक जाति से है और मैं उन्हें एक मुस्लिम लड़की से रेप और मर्डर में दोषी नहीं ठहराऊं। मैंने उन्हें बताया कि एक पुलिस अफसर होने के नाते मेरा कोई धर्म नहीं है और मेरा धर्म केवल पुलिस की वर्दी है।
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