लद्दाखी सांसद नामग्याल करते थे गाइड का काम, संपत्ति के अलावा जानिए कुछ Unknown Facts
नई दिल्ली- लद्दाख से बीजेपी सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल ने पिछले 6 अगस्त को जब से लोकसभा में जम्मू और कश्मीर के मुद्दे पर भाषण दिया है उनकी लोकप्रियता चरम पर है। अब तो उनकी पत्नी सोनम वांग्मो भी खूब लोकप्रिय हो चुकी हैं और अपने सांसद पति की प्रतिष्ठा को चार चांद लगा रही हैं। 34 वर्षीय इस युवा सांसद की भाषण कला से करोड़ों लोग वाकिफ हो चुके हैं। यहां हम उनके बारे में कुछ और बेहद रोचक बातें रखने की कोशिश कर रहे हैं, जिनके बारे में लद्दाख से बाहर के ज्यादातर लोगों को शायद पता नहीं है।
टूरिस्ट गाइड रह चुके हैं सांसद नामग्याल
जमयांग सेरिंग नामग्याल 2012 में बीजेपी में शामिल हुए थे। लेकिन, राजनीति में आने से पहले उन्होंने छात्र राजनीति में भी योगदान दिया था। कॉलेज के जमाने में वे जम्मू में एक साल तक ऑल लद्दाख स्टूडेंट्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भी रहे थे। उन्हें कविताओं का भी बहुत शौक है। 2013 में उनकी कविताओं पर एक किताब 'ए गिफ्ट ऑफ पोएट्री' प्रकाशित भी हो चुकी है। लद्दाख जैसे क्षेत्र से आने की वजह से उन्हें प्रकृति से भी बेहद लगाव है और वे रिवर-राफ्टिंग के भी शौकीन हैं। लद्दाख को करीब से जानने और वहां के चप्पे-चप्पे से वाकिफ होने की वजह से ही उन्होंने टूरिस्ट गाइड की नौकरी करके ही अपने करियर की शुरुआत थी।
जब सांसद बने तो 9.81 लाख थी कुल संपत्ति
मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में कार्पेंटर पिता स्टैनजिन दोर्जी और माता ईशे पुतित के बेटे नामग्याल नॉन-वेजिटेरियन हैं। 2019 के चुनाव में दी गई जानकारी के मुताबिक उनके पास कुल 9.81 लाख रुपये की संपत्ति थी। तब की जानकारी के मुताबिक उन्होंने बैंक में 2.09 लाख रुपये जमा कर रखा था। लेकिन, अब इसमें बदलाव हो चुका होगा, क्योंकि उन्हें सांसद के तौर पर हर महीने वेतन और भत्ते भी मिल रहे हैं।
लद्दाख ऑटोनोमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल के सबसे युवा चेयरमैन
नामग्याल बीजेपी नेताओं की नजरों में तब आए जब उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में लद्दाख से बीजेपी उम्मीदवार थुप्स्तन छेवांग के चुनाव अभियान को सफलता पूर्वक मैनेज किया था। उसी साल बीजेपी सांसद ने उन्हें अपना निजी सचिव नियुक्त कर लिया। मौजूदा लोकसभा चुनाव में सेरिंग नामग्याल की मुख्य मांग लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने और लद्दाखी भाषा (भोटी) को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने की थी। इसमें से उनकी बड़ी मांग पूरी भी हो चुकी है। इनकी प्रतिभा का अंदाजा इसी से लगता है कि पार्टी में शामिल होने के एक साल के अंदर ही पार्टी ने उन्हें लद्दाख मामलों का प्रभार सौंपा और वहां का पार्टी प्रवक्ता नियुक्त भी कर दिया था। 2018 में वे लद्दाख ऑटोनोमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल के सबसे युवा चेयरमैन भी चुने जा चुके हैं।
6 अगस्त के भाषण से देशभर में हुए लोकप्रिय
गौरतलब है कि जमयांग सेरिंग नामग्याल तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने पिछले 6 अगस्त को लोकसभा में आर्टिकल 370 और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित बनाने के विधेयक पर जोरदार भाषण दिया। उनका भाषण इतना धमाकेदार रहा कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके लोगों से उसे जरूर सुनने का आग्रह कर डाला। इसका असर भी हुआ और एक दिन बाद ही ट्विटर पर उनके फॉलोअर्स की संख्या 4,500 से बढ़कर 1.28 लाख को पार कर गई। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी नामग्याल के साथ अपनी तस्वीर पोस्ट कर कहा कि आज के दिन के हीरो यही हैं। जब वो भाषण दे रहे थे तब गृहमंत्री अमित शाह समेत सभी बीजेपी के दिग्गज मेजें थपथपाते नजर आ रहे थे और उनके चेहरे पर गर्व का भाव नजर आ रहा था।
राजनीति में पति-पत्नि के विचार अलग
जमयांग सेरिंग नामग्याल की पत्नी सोनम वांग्मो दिल्ली के जेएनयू से पढ़ी हुई हैं, जिसका असर उनकी विचारधारा पर भी महसूस किया जा सकता है। वो मानती हैं कि राजनीति को लेकर उनका पति के साथ वैचारिक मतभेद होता रहता है। दोनों की शादी इसी साल हुई है, लेकिन वांग्मो का मानना है कि राजनीति अलग है और शादी अलग। वे कहती हैं कि उनके पति उन्हें बीजेपी और आरएसएस की तरफ खींचने की कोशिश करती हैं। खास बात ये है कि जेएनयू कांड पर भी वांग्मो कन्हैया कुमार का बचाव ये कहकर करती हैं कि जिस समय हंगामा हुआ कन्हैया वहां पर नहीं थे।