एक्टिंग नहीं बल्कि बिजनेस करने मुंबई आए थे टीवी के राम अरुण गोविल, जानिए उनसे जुड़ी कुछ अनसुनी बातें
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड-19) को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने देश में 21 दिन का लॉकडाउन लगाया हुआ है। इस बीच शनिवार से दूरदर्शन पर धार्मिक सीरियल 'रामायण' (Ramayan) का प्रसारण शुरू हो गया है। सीरियल में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल (Arun Govil) अब तक भगवान राम की छवि से बाहर नहीं निकल पाए हैं। शो के खत्म होने के 33 साल बाद भी उनकी पहचान टीवी के राम के रूप में बनी हुई है। हालांकि उनसे जुड़ी एक बात ये भी है कि वह मुंबई अभिनय करने नहीं बल्कि बिजनेस करने आए थे।

लोग भगवान राम मानने लगे थे
एक साक्षात्कार के दौरान अरुण गोविल ने इस बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि सीरियल में भगवान राम का किरदार निभाने के बाद लोग उन्हें वास्तव में भगवान राम मानने लगे थे। वो जहां भी जाते थे, या तो लोग उनके पैर छूने लग जाते थे या फिर उनके आगे हाथ जोड़कर खड़े हो जाते थे। हैरानी की बात तो ये है कि कुछ लोग रामायण (Ramayan) सीरियल देखते वक्त टीवी के सामने अगरबत्ती तक जलाने लगे थे।

रामायण सीरियल 25 जनवरी 1987 में शुरू हुआ
अरुण गोविल कहते हैं कि उन्हें फिल्मों में भी इसे तरह के ऑफर मिलने लगे थे, यही कारण था कि उन्होंने अभिनय की दुनिया से दूरी बना ली। बता दें दूरदर्शन पर रामायण का प्रसारण 25 जनवरी 1987 में शुरू हुआ और उसका आखिरी एपिसोड 31 जुलाई 1988 को प्रसारित हुआ था।

उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं अरुण गोविल
अरुण गोविल मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले हैं। उनका जन्म 12 जनवरी, साल 1958 को राम नगर में हुआ था। मेरठ यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के दौरान उन्होंने कुछ नाटकों में भी काम किया था। युवावस्था में वह सहारनपुर में रहे। अरुण के पिता तो चाहते थे कि उनका बेटा सरकारी नौकरी करे लेकिन खुद अरुण गोविल कुछ ऐसा करना चाहते थे, जो यादगार बन जाए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए वह मुंबई तक आ पहुंचे। वैसे तो वह यहां बिजनेस करने आए थे, लेकिन बाद में अभिनय का रास्ता चुन लिया।

फिल्म 'पहेली' से हुई थी अभिनय की शुरुआत
अरुण गोविल ने अभिनय की दुनिया में कदम रामायण सीरियल से नहीं बल्कि साल 1977 में ताराचंद बडजात्या की फिल्म 'पहेली' से रखा था। इसके बाद उन्होंने और भी कई फिल्मों में काम किया। उन्होंने 1979 में आई फिल्म 'सावन को आने दो', 'सांच को आंच नहीं' (1979), 'इतनी सी बात' (1981), 'हिम्मतवाला' (1983), 'दिलवाला' (1986), 'हथकड़ी' (1995) और 'लव कुश' (1997) जैसी कई बॉलीवुड फिल्मों में अहम भूमिका निभाई। लेकिन उन्हें आज भी टीवी के राम के रूप में ही पहचाना जाता है।

राजा विक्रमादित्य का किरदार निभाया था
अरुण गोविल ने भगवान राम का किरदार निभाने से पहले राजा विक्रमादित्य का किरदार निभाया था। उनका पहला सीरियल 'विक्रम और बेताल' था। जिसमें उन्होंने राजा विक्रमादित्य की भूमिका निभाई थी। इसे सफलता मिलने के बाद उन्होंने 1987 में 'रामायण' में भगवान राम की भूमिका निभाई। उनका ये रोल इतना मशहूर हुआ कि बाद में उन्हें कई और रोल भी मिले। इसके बाद अरुण गोविल ने 'लव कुश' (1989), 'कैसे कहूं' (2001), 'बुद्धा' (1996), 'अपराजिता', 'वो हुए न हमारे' और 'प्यार की कश्ती में' जैसे मशहूर सीरियल में काम किया।

अरुण और श्रीलेखा की दो संतानें हैं
अरुण के परिवार की बात करें तो वह अपने माता-पिता की आठ संतानों में चौथे नंबर पर आते हैं। उनके माता-पिता के छह बेटे और दो बेटियां हैं। अरुण की पत्नी का नाम श्रीलेखा गोविल है। अरुण और श्रीलेखा की दो संतानें हैं। उनके बेटे का नाम अमल जबकि बेटी का नाम सोनिका गोविल है।

शनिवार से शुरू हुआ प्रसारण
बता दें केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बड़ा ऐलान करते हुए बताया था कि एक बार फिर दूरदर्शन पर रामानंद सागर की रामायण का प्रसारण किया जाएगा, प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर लोगों को ये खुशखबरी दी थी। उन्होंने जनता की मांग पर शनिवार से 'रामायण' का प्रसारण पुनः दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर शुरू करने की बात कही। पहला एपिसोड सुबह 9.00 बजे और दूसरा एपिसोड रात 9.00 बजे प्रसारित होगा।
रामायण के बाद अब DD पर देख पाएंगे बीआर चोपड़ा की 'महाभारत'