जानें क्या है नरोदा पाटिया का पूरा मामला, जिसमें बाबू बजरंगी दोषी और माया कोडनानी बरी
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गांधीनगर। आज गुजरात हाईकोर्ट ने नरोदा पाटिया गाम मामले में फैसला सुनाया है। बता दें कि नरोदा पाटिया का मामला अगस्त 2009 से शुरू हुआ और 62 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। सुनवाई के दौरान ही विजय शेट्टी नाम के आरोपी की मौत हो गई। साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान अहमदाबाद स्थित नरोदा पाटिया इलाके में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी। नरसंहार 28 फरवरी 2002 को हुआ था। दंगे में 33 लोग घायलभी हुए थे। बता दें कि यह घटना 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन जलाए जाने के बाद 28 फरवरी को बंद का ऐलान किया था। इसी दौरान एक भीड़ ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमला बोल दिया। अदालत ने सुनवाई के दौरान 327 लोगों के बयान दर्ज किए जिसमें पत्रकार ,पीड़ित, डॉक्टर, पुलिस अधिकारी और सरकारी अधिकारी शामिल थे।
29 अगस्त 2012 को आया था एक फैसला
29 अगस्त 2012 को जज ज्योत्सना पीठ ने बीजेपी विधायक और तात्कालीन नरेन्द्र मोदी सरकार में पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को हत्या और षड़यंत्र का दोषी पाया था। 32 लोगों को दोषी करार दिया गया था। अदालत ने मामले में अभियुक्त बनाए गए 29 अन्य लोगों को बरी कर दिया गया था।
अमित शाह ने दी थी गवाही
गौरतलब है कि बीते साल 28 सितंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह नेकोडनानी के मामले में गवाही दी थी। शाह ने अदालत में कहा था कि 28 फरवरी 2002 को सुबह 8.30 बजे विधानसभा सत्र था। दंगो में मारे गए लगों को श्रद्धांजलि देने का प्रस्ताव किया गया था। इसके बाद सुबह 9: 30 बजे से 9: 45 बजे तक मैं सिविल अस्पताल में था और मैंने वहां माया कोडनानी से मुलाकात की।
शाह ने कहा था कि...
शाह ने कहा था कि अस्पताल में नारे बाजी की वजह से मुझे वहां पुलिस ने रुकने नहीं दिया। पुलिस मुझे और कोडनानी को पुलिस की गाड़ी में लेकर गई थी। शाह ने कहा था कि अस्पताल पहुंचा तो कोडनानी को नहीं देखा था, लेकिन जब वहां से निकल रहा था तो कोडनानी को देखा था। शाह ने कहा कि जब मैंने अस्पताल से जा रहा था तब लोगों से घिरा हुआ था पुलिस जीप से माया कोडनानी और मुझे हमारी कारों में ले जाया गया; उस समय 11:00 -11: 15 बज रहे थे।
आज आया यह फैसला
आरोपी बाबू बजरंगी को दोषी करार दिया है। बाबू बजरंगी को कोर्ट ने आजीवन कारावास (मृत्यु तक) की सजा सुनाई है। वहीं, पूर्व मंत्री माया कोडनानी को इस मामले में निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया है। बाबू बजरंगी को अब मृत्यु तक जेल में ही रहना होगा। बाबू बजरंगी के अलावा इस मामले में आरोपी किशन कोरणी, मुरली नारणभाई सिंधी और सुरेश लंगाडो को भी दोषी करार दिया गया है। वहीं, विक्रम छारा और गणपति छानाजी छारा को निर्दोष करार दिया गया है।
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