जगन्नाथ मंदिर के रहस्यमयी खजाने की चाभी गायब, मचा बवाल, गर्मायी सियासत
नई दिल्ली। विश्वप्रसिद्ध जगन्नाथ पुरी धाम में इस वक्त हंगामा मचा हुआ है क्योंकि यहां के खजाने की चाभी गायब हो गई है, जिसे लेकर पुरी के शंकराचार्य और बीजेपी ने कड़ा विरोध जताया है और इसी कारण इस बात पर हंगामा बरपा गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य रामचंद्र दास महापात्रा ने कहा कि ओडिशा हाईकोर्ट के आर्डर के बाद यहां एक जांच टीम 4 अप्रैल को आई थी, उसके बाद से ही खजाने की चाभी लापता है, ना तो चाभी श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन के पास है और ना ही पुरी जिला कोषागार के पास है। खजाने की चाभी ना मिलने से बहुत सारी चीजों में रूकावटें पैदा हो गई हैं।
ओडिशा हाईकोर्ट के आदेश के बाद जांच टीम मंदिर आई थी
मालूम हो कि 4 अप्रैल को समिति की बैठक हुई थी, ओडिशा हाईकोर्ट के आदेश के बाद 16 सदस्यों की एक टीम ने 34 सालों के बाद जांच के लिए उस कमरे में प्रवेश किया, जिस कमरे में खजाना रखा हुआ था। मंदिर की देखरेख करने वाली टीम का कहना है कि उसी दिन से चाभी गुम है।
खजाने की चाभी गायब, मचा बवाल, गर्मायी सियासत
वहीं इस मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब इस मसले पर सियासत शुरु हो गई, पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने इस घटना के लिए ओडिशा सरकार की आलोचना की तो वहीं बीजेपी ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से इस घटना पर स्पष्टीकरण देने की मांग की है और सरकार से पूछा कि चाभी कैसे गायब हुई?
हिन्दुओं के चार धामों में से एक है जगन्नाथ पुरी
गौरतलब है कि पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर हिन्दुओं के चार धामों में से एक है, जिसकी कुल संपत्ति 250 करोड़ रुपये है, यह वैष्णव सम्प्रदाय का मंदिर है, जो भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। इस मंदिर का वार्षिक रथ यात्रा उत्सव प्रसिद्ध है।