Kerala: कुंबलांगी होगा देश का पहला सैनेटरी नैपकिन फ्री गांव, जानिए Menstrual Cups के फायदे
नई दिल्ली, 13 जनवरी। देश में साक्षरता के मामले में नंबर वन रहने वाले केरल राज्य ने एक और बड़ी उपलब्द्धि हासिल की है। यहां का एर्नाकुलम जिले में एक नई शुरुआत हुई है। यहां का कुंबलांगी गांव देश का पहला सैनेटरी नैपकिन मुक्त गांव होगा,यहां पर 18 साल से उम्र में बड़ी लड़कियों और महिलाओं को 5000 विशेष मैनस्ट्रुअल कप वितरित किए जाएंगे। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने आज इस अभियान की शुरुआत की और इसी के साथ ही कुंबलांगी को आदर्श गांव भी घोषित कर दिया गया है। मालूम हो कि कुंबलांगी पहले से ही देश का पहला आदर्श पर्यटन गांव है।
'मैनस्ट्रुअल कप'
आपको बता दें कि महावारी या मासिक धर्म के दौरान हर महिला काफी टेंशन में रहती है। हालांकि पहले की तुलना में आज मार्केट में काफी अच्छी क्वालिटी वाले सैनिटरी नैपकिन मौजूद हैं लेकिन फिर भी मासिक धर्म के दौरान हर लड़की और महिला को दाग का डर, बार-बार पैड बदलने और उसे फेंकने का तनाव रहता ही रहता है और तो और सैनिटरी नैपकिन हर महीने के जरूरी खर्चों में भी शामिल है लेकिन इन सारी बातों का मुक्ति दिलाता है 'मैनस्ट्रुअल कप', जिसे ना तो बार-बार बदलने की झंझट होती है और ना ही इसे बार-बार खरीदना पड़ता है।
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हर तरह से सुरक्षित है Menstrual Cups
अगर Menstrual Cups की अच्छे से देखभाल की जाए तो ये 3-4 साल बड़े ही आराम से चलता है और सबसे बड़ी बात ये हर तरह से सुरक्षित है, बस इसे लगाते समय थोड़ी सी सावधानी रखने की जरूरत होती है। क्योंकि पहली बार इसके प्रयोग करने में थोड़ी सी असुविधा हो सकती है लेकिन जब आप इसे इस्तेमाल करना सीख जाएंगे तो ये आपको आसान लगने लगेगा, जिनको फ्लो ज्यादा होता है उनके लिए भी ये काफी उपयोगी है। इसे आप लगातार 12 घंटों तक यूज कर सकते हैं, बिना इसे बदले।
वैजाइना को नहीं होता नुकसान
मालूम हो कि Menstrual Cups एक रबर, सिलिकॉन या लैटेक्स से बना एक छोटा, लचीला 'फेनल' यानि कोन के आकार का कप होता है, जिसे महिलाएं अपने वैजाइना पर लगाती हैं। इसके साथ मैनुअल आता है, जिसे देखकर ही इसका प्रयोग करना चाहिए। एक बार ये सेट हो जाने पर ये अपनी जगह से हिलता नहीं है और इसका लगाने के बाद किसी महिला को चलने-फिरने, दौड़ने-भागने या फिर काम-धाम करने में दिक्कत नहीं होती है।
इसे साफ करना आसान होता है..
इसमें पैड की तरह बदबू आने या गीलेपन की भी समस्या नहीं होती है और तो और ये सैनिटरी नैपकिन की तरह वातावरण में कचरा और प्रदूषण भी नहीं फैलाता है। इसे साफ करना आसान होता है इसलिए इसकी मांग आजकल दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है।
वैजाइना के लिए भी सुरक्षित है Menstrual Cups
इसका प्रयोग वैजाइना के लिए भी सुरक्षित है, वो भी क्लीन और बैक्टीरियल मुक्त रहती है। दूसरे शब्दों में आप कह सकते हैं कि उन मुश्किल दिनों को अच्छे से हैंडल करने का मेन्सट्रुअल कप एक सुरक्षित हाइजिन तरीका है।