आतंकियों के डर को किया किनारे , UPSC-2016 में कश्मीर के 14 युवाओं ने मारी बाजी
श्रीनगर। कश्मीर में पिछले एक वर्ष से अशांति का माहौल और आतंकवाद में फिर से इजाफा हो रहा है। लेकिन अशांति में डरने और घबराने की जगह और आतंकवादियों को धमकियों को दरकिनार करते हुए कश्मीर के युवाओं ने एक नया इतिहास रचा है। बुधवार को यूपीएससी-2016 के नतीजे आए हैं और पहली बार कश्मीर के एक दो नहीं बल्कि पूरे 14 युवाओं ने इस वर्ष बाजी मारी है।
बिलाल भट को मिली 10वीं रैंक
जुलाई 2016 में जब घाटी में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत हुई तो घाटी का माहौल बिगड़ने लगा। माहौल इतना बिगड़ा कि घाटी में छह माह तक कर्फ्यू लागू रहा लेकिन इसके बाद भी 14 युवाओं के हौसलों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। जम्मू कश्मीर से यह पहला मौका है जब एक साथ 14 युवाओं ने संघ लोकसेवा आयोग यानी यूपीएससी की परीक्षा पास की है। कश्मीर घाटी के बिलाल मोहीदीन भट जिनकी उम्र 31 वर्ष है और जो नार्थ कश्मीर के हारीपोरा उनीसू गांवच के रहने वाले हैं उन्हें यूपीएसी परीक्षा में 10वां स्थान हासिल हुआ है। 31 वर्ष के मोहीदीन इस समय इंडियन फॉरेस्ट ऑफिसर हैं और लखनऊ में पोस्टेड हैं। वर्ष 2012 में उन्हें कश्मीर एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज यानी केएसएस में 15वां स्थानी हासिल हुआ था। इसके बाद उन्हें लखनऊ में पोस्टिंग मिली थी। मोहीदीन ने चार प्रयास किए थे और जम्मू कश्मीर से आने वाले कैंडडेट्स के लिए एक नोटिफाइड सीट होती है। उन्हें भरोसा था कि इस बार वह जरूर इस परीक्षा में सफलता हासिल करेंगे। मोहीदन ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपनी पत्नी को दिया है जो कर्नाटक एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज में ऑफिसर हैं।
अनंतनाग से भी एक अच्छी खबर
जम्मू कश्मीर से जिन और लोगों ने इस परीक्षा को पास किया है उनमें हैं 39वीं रैंक पाने वाले जफर इकबाल, 86वीं रैंक के साथ सैय्यद फखरुद्दीन हमीद, 115वीं रैंक के साथ बीस्मा काजी, 125वीं रैंक सुहैल कासिम मीर, 472 रैंक वोल साकिब यूसुफ, 610 रैंक के साथ इनाबज खालिक, 610वीं रैंक वाले फैसल जावेद और 1087 वीं रैंक हासिल करने वाले आमीर बशीर। 25 वर्ष के बीस्मा काजी श्रीनगर के रहने वाली हैं और उन्होंने बताया कि जब वह एमबीबीएस की परीक्षा पास नहीं कर सकी थीं तो उन्हें काफी दुख हुआ था। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग बीस्मा ने दूसरे प्रयास में ही यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली। इसी तरह से अनंतनाग के रहने वाले 26 वर्ष के सुहैल कासिम मीर को परीक्षा में 125वीं रैंक मिली है। सफलता का श्रेय उन्होंने अपने पिता जो कि एक पुलिस ऑफिसर हैं, उन्हें दिया है। कासिम जामिया मिलिया इस्लामिया से पीएचडी कर रहे थे और इसी कॉलेज से उन्होंने एमबीए की पढ़ाई भी पूरी की।