कासगंज हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता को शहीद का दर्जा देने की याचिका खारिज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कासगंज में जिस तरह से सांप्रदायिक तनाव के दौरान चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई, उसके बाद लगातार उनका परिवार चंदन को शहीद का दर्जा देने की मांग कर रहा था। इस बाबत इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट से गुहार लगाई गई थी कि इस पूरे मामले की एनआईए से सजांच कराई जाए, जिसे मानने से कोर्ट ने इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन ने दिलीप कुमार श्रीवास्तव व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इस मामले की एनआईए से जांच कराने की अपील को खारिज कर दिया।
50 लाख मुआवजे की मांग भी खारिज
कोर्ट में यह याचिका दायर की गई थी कि इस हिंसा में मारे गए चंदन गुप्ता को शहीद का दर्जा दिया जाए और उनके परिजनों को 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस मामले में याचिका करने वाले वकील हरिशंकर जैन ने कोर्ट में आरोप लगाया कि अलग-अलग समुदायों के मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने में भेदभाव किया जा रहा है, लेकिन इस दावे को सरकार के वकील ने सिरे इनकार करते हुए कहा कि सरकार ने मृतकों के परिजनों को पहले ही 20 लाख रुपए का मुआवजा दे दिया है, उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है, ऐसे में इसकी जांच एनआईए से कराने की जरूरत नहीं है।
26 जनवरी की हिंसा में हुई थी हत्या
गौरतलब है कि 26 जनवरी को तिरंगा यात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गई थी, जिसके बाद एक चंदन गुप्ता नाम के युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद दोनों गुट आमने-सामने आ गए और अगले तीन-चार दिनों तक आगजनी और उपद्रव जारी रहा। जिसके चलते पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया था और भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था। इस मामले में पुलिस को भी बड़ी कामयाबी मिली और उसने इस मामले में मुख्य आरोपी सलीम को गिरफ्तार कर लिया है।
मुख्य आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने चंदन की हत्या के मुख्य आरोपी सलीम को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया था। चंदन की हत्या के आरोप में सलीम वर्की व उसके दो भाई नसीम व वसीम को भी आरोपी बनाया गया है। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक सलीम के घर से ही चंदन को गोली मारी गई थी। इस मामले की जांच रिपोर्ट उत्तर प्रदेश पुलिस ने गृह मंत्रालय को सौंप दी है। इस घटना के बाद लगातार भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष आमने-सामने हैं और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं।