केजी बोपैया: जिनके स्पीकर रहते येदुरप्पा को तीन दिन में दो बार हासिल करना पड़ा था विश्वास मत
बेंगलुरू। भारतीय जनता पार्टी के विधायक केजी बोपैया को कर्नाटक विधानसभा के शनिवार को होने वाले फ्लोर टेस्ट के लिए प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। केजी बोपैया 2009 से 2013 तक कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं। विराजपेट से भाजपा के विधायक केजी बोपैया के स्पीकर रहते 2010 में येदुरप्पा का विश्वास मत काफी विवादास्पद रहा था। तब के सीएम येदुरप्पा को तीन दिन में दो बार बहुत साबित करना पड़ा था।
अक्टूबर 2010 में बोपैया ही स्पीकर थे जब येदुरप्पा के विश्वास मत हासिल करने पर तब के कर्नाटक के राज्यपाल एचआर भारद्वाज ने सवाल उठाया था और उन्हें दोबारा विश्वास मत हासिल करने को कहा था। विश्वास मत काफी कांग्रेस के हंगामे के बीच लाया गया था।
17 अक्टूबर 1955 को जन्मे कोम्बारना गणपति बोपैया कोडागू के एक छोटे से गांव कालूर से आते हैं। उन्होंने कानून की पढ़ाई की है और वकालत भी कर चुके हैं। इस चुनाव में वह चौथी बार विधायक चुने गए हैं। वह पहले भी प्रोटेम स्पीकर रहे हैं। 2009 में वह 4 दिन के लिए प्रोटेम स्पीकर रहे और इस दौरान बीजेपी ने बहुमत हासिल किया था। बाद में वह 2008 से 2013 तक स्पीकर भी रहे हैं।
वह विराजपेट विधानसभा क्षेत्र से इस बार चौथी बार चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। केजी का संघ परिवार से गहरा नाता रहा है। वो स्कूली दिनों से संघ से जुड़े रहे हैं और इसका लाभ उन्हें पार्टी में भी मिलता रहा है। माना जा रहा है कि पार्टी के भरोसेमंद होने के चलते ही उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है।
सुप्रीम फैसले के बाद बड़ा सवाल? क्या वाजपेयी की तरह फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे देंगे येदुरप्पा