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कर्नाटक विधानसभा चुनाव: 15 मई के परिणाम में छुपे हैं इन 6 सवालों के जवाब

By योगेंद्र कुमार
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नई दिल्‍ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए जोर-शोर से चल रहा प्रचार गुरुवार को खत्‍म हो गया। अब 12 मई शनिवार को वोट डाले जाएंगे और 15 मई को चुनाव के परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। कांग्रेस 2019 लोकसभा चुनाव से जिन राज्‍यों में चुनाव होने हैं, उनमें कर्नाटक इकलौता ऐसा राज्‍य है, जहां पर कांग्रेस की सत्‍ता है। ऐसे में इस चुनाव जीत और हार के अपने अलग मायने हैं। यही वजह है कि कर्नाटक चुनाव परिणामों के साथ निकलकर आने वाले संकेतों पर सबकी नजरें लगी हैं। आइए डालते हैं कर्नाटक चुनाव के संकेत और संदेशों पर एक नजर:

अमेरिका, यूरोप में बैठे ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स तक जाएगा संदेश

अमेरिका, यूरोप में बैठे ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स तक जाएगा संदेश

ग्‍लोबल रिसर्च फर्म यूबीएस ने अपने ताजा सर्वे में दावा किया है कि भारत में निवेश करने वाले ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स को 2019 में नरेंद्र मोदी की सत्‍ता की वापसी की उम्‍मीद है। सर्वे में दावा किया गया है कि भारत में निवेश करने वाले ज्‍यादातर इन्‍वेस्‍टर्स ने निवेश का फैसला लेने से पहले इस उम्‍मीद को दिमाग में रखा था कि मोदी सरकार की सत्‍ता में वापसी होगी। अब अगले आम चुनाव में ज्‍यादा वक्‍त नहीं रह गया है। ऐसे में कर्नाटक विधानसभा चुनाव पर ग्‍लोबल इन्‍वेस्‍टर्स की पैनी नजर बनी हुई है। वे जानना चाहते हैं कि भारत में पॉलिटिकली लोगों का मूड आखिर क्‍या है?

 कब होंगे आम चुनाव? समय पर या समय से पहले? बताएगा कर्नाटक चुनाव का रिजल्‍ट

कब होंगे आम चुनाव? समय पर या समय से पहले? बताएगा कर्नाटक चुनाव का रिजल्‍ट

लोकसभा चुनाव समय पर होंगे या समय से पूर्व? इस बात को लेकर कयासबाजी जमकर हो रही है। 2019 से पहले जिन राज्‍यों में चुनाव होने हैं, उनमें कर्नाटक, मध्‍य प्रदेश, छत्‍तीसगढ़ और राजस्‍थान शामिल हैं। कर्नाटक में चुनाव हो ही रहे हैं, जबकि बाकी तीन राज्‍यों में साल के अंत तक चुनाव कराए जाने हैं। कर्नाटक में कांग्रेस सत्‍ता में है और बीजेपी विपक्ष में, जबकि बाकी के तीन राज्‍यों- एमपी, छत्‍तीसगढ़ और राजस्‍थान में बीजेपी को सत्‍ता बचानी है। ऐसे हालात में बीजेपी के लिए चुनौती कहीं ज्‍यादा कठिन है। वह कर्नाटक चुनाव के नतीजों से यह सुनिश्चित कर लेना चाहती है कि मोदी लहर का असर आखिर है कितना? अगर कर्नाटक में बीजेपी जीत दर्ज करती है तो संभव है कि एमपी, राजस्‍थान और छत्‍तीसगढ़ के साथ ही लोकसभा चुनाव भी कराए जाएं। हां, अगर कर्नाटक में बीजेपी हारी तो मोदी-शाह के लिए चुनौती बेहद कठिन हो जाएगी। ऐसी स्थिति में बीजेपी कतई नहीं चाहेगी कि चुनाव जल्‍दी कराए जाएं।

 कांग्रेस मुक्‍त भारत अभियान का अंत आखिर कैसे होगा?

कांग्रेस मुक्‍त भारत अभियान का अंत आखिर कैसे होगा?

2014 लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने एक के बाद एक कई राज्‍यों में कांग्रेस को मात दी। अमित शाह ने बड़े जोर-शोर से कांग्रेस मुक्‍त भारत का नारा दिया। इस काम में मोदी-शाह की जोड़ी को काफी हद तक सफलता भी मिली। अगले लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक कांग्रेस की सत्‍ता वाला इकलौता ऐसा राज्‍य बचा है, जहां चुनाव होने हैं। अगर यहां बीजेपी जीती तो आम चुनाव से पहले उसका लिए बड़ा बूस्‍टर होगा। अगर हारी तो निश्चित रूप से ब्रैंड मोदी को बड़ा झटका लगेगा।

 राहुल गांधी की साख पर पड़ेगा बड़ा असर

राहुल गांधी की साख पर पड़ेगा बड़ा असर

गुजरात चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस ने राहुल गांधी की ताजपोशी की। गुजरात में भले ही कांग्रेस हार गई, लेकिन उसने फाइट अच्‍छी लड़ी। हिमाचल प्रदेश में जरूर कांग्रेस को करारा झटका लगा, लेकिन गुजरात में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन से राहुल गांधी की छवि को काफी फायदा हुआ। अध्‍यक्ष बनने के बाद उनके तेज तर्रार बयान और एंग्री यंग मैन की छवि कुछ नएपन का एहसास करा रहे हैं। ऐसे में कर्नाटक चुनाव उनके लिए गोल्‍डन चांस है। गुजरात की तरह कर्नाटक कोई हिंदुत्‍व की लैबोरेट्री भी नहीं है। सत्‍ता में कांग्रेस खुद विराजमान है। अच्‍छा खासा मुस्लिम वोटर है। कर्नाटक में सेक्‍युलरिज्‍म शब्‍द की अहमियत आज भी कम नहीं है। कुल मिलाकर राहुल गांधी के लिए ये चुनावी पिच काफी मुफीद लगती है। अब देखना होगा कि 2019 चुनाव से पहले राहुल गांधी की किस्‍मत पलटती है या उनकी हार की एक और बार चर्चा होगी।

15 मई को कर्नाटक के नतीजे और 28 मई उपचुनाव

15 मई को कर्नाटक के नतीजे और 28 मई उपचुनाव

उत्‍तर प्रदेश के फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव की हार की टीस बीजेपी को अब तक साल रही है। 28 मई को चार सीटों पर बार फिर उपचुनाव होने हैं। 15 मई को कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने हैं, ऐसे में कर्नाटक का संदेश महाराष्‍ट्र की दो, यूपी की एक और नगालैंड की एक लोकसभा सीट तक जाएगा।

 कांग्रेस शासित हर राज्‍य में चुनाव जीते हैं अमित शाह, क्‍या कर्नाटक में बचा सकेंगे रिकॉर्ड

कांग्रेस शासित हर राज्‍य में चुनाव जीते हैं अमित शाह, क्‍या कर्नाटक में बचा सकेंगे रिकॉर्ड

2014 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद से बीजेपी ऐसे किसी राज्‍य में चुनाव नहीं हारी, जहां पर कांग्रेस की सरकार हो। हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्‍तराखंड, असम से लेकर महाराष्‍ट्र तक, जहां-जहां कांग्रेस सत्‍ता में थी, वहां-वहां अमित शाह ने तूफानी रफ्तार से अश्‍वमेघ दौड़ाया। इन सभी चुनावों में जीत के अपने मायने हैं, लेकिन कर्नाटक में जीत का मतलब सीधे 2019 तक जीत का जनादेश जाना है। अब बारी कर्नाटक की है। देखना होगा कि अमित शाह अपने चुनावी चक्रव्‍यूह में सिद्धारमैया को फंसा पाते हैं या नहीं?

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English summary
karnataka assembly election 2018: Why it is important for BJP and Congress narendra modi and rahul gandhi, all you need to know
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