JNU Violence: प्रोफेसर सीपी चंद्रशेखर ने सरकार की कमेटी से दिया इस्तीफा, कहा- यूनिवर्सिटी के हालात ऐसे हैं कि...
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार को हुई हिंसा के बाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सीपी चंद्रशेखर ने सरकार की कमेटी से इस्तीफा दे दिया है। कमेटी की भारत के आर्थिक डेटा पर पर पहली समीक्षा बैठक होने वाली थी, लेकिन इस बैठक से पहले ही प्रोफेसर सीपी चंद्रशेखर ने इस कमेटी से इस्तीफा दे दिया है। पिछले महीने मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इम्प्लिमेंटेशन ने इकोनॉमिक स्टैटिस्टिक्स पर स्टैंडिंग कमेटी का गठन किया था, जिसकी कमान चीफ स्टैटिस्टिशयन प्रनब सेन कर रहे हैं।
भरोसा
नहीं
तो
काम
करना
मुश्किल
कमेटी
से
इस्तीफा
देने
के
बाद
चंद्रशेखर
ने
कहा
कि
मुझे
यह
लगता
है
कि
यह
सरकार
भारत
की
सांख्यिकीय
प्रणाली
को
मजबूत
करने
को
लेकर
चिंतित
नहीं
है।
जेएनयू
में
रविवार
को
जो
घटना
हुई
उसने
व्यवस्था
में
मेरे
विश्वास
को
कम
किया
है।
इस
घटना
से
साफ
है
कि
हम
दूसरी
दुनिया
में
जी
रहे
हैं
,
ऐसे
उस
सरकार
के
साथ
काम
करना
मुश्किल
है
जिसपर
से
आपका
भरोसा
उठ
चुका
है।
बता
दें
कि
सरकार
की
यह
कमेटी
आज
अपनी
पहली
समीक्षा
बैठक
करने
वाली
थी,
जिसमे
इंडेक्स
ऑफ
इंडस्ट्रियल
प्रोडक्शन
के
नवंबर
2019
के
डेटा
को
तैयार
करना
था,
साथ
ही
कमेटी
के
आगे
के
एजेंडे
को
तय
करना
था।
जेएनयू के हालात पर जताई चिंता
चंद्रशेखर ने सोमवार को ई मेल के जरिए अपना इस्तीफा सौंप दिया। जिसमे उन्होंने लिखा कि मुझे आपको यह सूचित करते हुएअफसोस है कि जेएनयू में जो हालात हैं, जहां मैं रहता हूं, वहां के हालात की वजह से मैं इस कमेटी की बैठक में नहीं आ सकता हूं। आगे मुझे लगता है कि मौजूदा हालात में यह कमेटी सांख्यिकीय व्यवस्था में लोगों का भरोसा नहीं बरकरार रख सकती है, जिसे पूर्व के समय में कमतर किया गया। चंद्रशेखर ने यह ई मेल कमेटी के सभी सदस्यों को किया है।
एनपीआर को लेकर आपत्ति
इसके अलावा प्रोफेसर चंद्रशेखर ने एनपीआर को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर की है। एनडीटीवी की खबर के अनुसार प्रोफेसर चंद्रशेखर ने एनपीआर के लिए तैयार की जा रही प्रश्नावली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि एनपीआर में स्थानीय अधिकारी को यह अधिकार दिए जाने की बात कही गई है कि जब वह आंकड़े हासिल कर रहा होगा और उसे किसी व्यक्ति पर शक है तो वह इसे संदिग्ध की सूचि में रख सकता है।
रविवार को कैंपस में हिंसा
बता दें कि रविवार को जेएनयू में हिंसा की खबर सामने आई थी। कई नकाबपोश छात्रों ने कैंपस के भीतर घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की और जमकर कैंपस में तोड़फोड़ की। इस घटना के बाद से तमाम छात्र लगातार दिल्ली पुलिस और सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं।