महाराष्ट्र के पेशवाओं पर 'दलित जीत' का 200वां साल, जश्न में शामिल होंगे जिग्नेश मेवाणी
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में पेशवाओं पर दलितों की ऐतिहासिक जीत के 200 साल पूरे होने पर पुणे में जश्न का आयोजन किया जा रहा है। इस जश्न में गुजरात के वडमाग सीट से विधायक, जिग्नेश मेवाणी भी शामिल होंगे और भाषण देते हुए भी दिखाई देंगे। यह जश्न दो दिन, 31 दिसंबर और 1 जनवरी को महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव की लड़ाई को याद करते हुए मनाया जाएगा।
1818 में हुई थी लड़ाई
बता दें कि 1 जनवरी 1818 को पुणे के पास भीमा नदी के किनारे अंग्रजों और महाराष्ट्र की पेशवा सेना के बीच लड़ाई हुई थी। बताया जाता है कि इस युद्ध में अंग्रेजों की तरफ से सिर्फ 500 लोग ही थे जिनमें से 450 सैनिक महार समुदाय से थे। जबकि पेशवा की तरफ से 28,000 सैनिक मैदान में थे। बताया जाता है कि महार सैनिकों ने संख्या में कम होने के बावजूद 28,000 सैनिकों की पेशवा सेना को हरा दिया था।
अंग्रजों ने बनावाया जयस्तंभ
अंग्रेजों ने महार सैनिकों की इस वीरता से खुश होकर पुणे के परने गांव में एक स्मारक, जयस्तंभ बनावाया था। ये स्मारक आज भी वहां मौजूद है। इस स्मारक पर उस लड़ाई में शामिल हुए महार सैनिकों के नाम लिखे हैं। तभी से वहां पर हर साल महार सैनिकों के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। चूंकि महार सैनिक दलित समुदाय से आते हैं इसलिए दलित समुदाय इस जीत को खुद से जोड़ कर देखता है। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हर साल हजारों की संख्या में दलित इस गांव में आते हैं।
उमर खालिद को भी निमंत्रण
इस साल इसी ऐतिहासिक जीत का 200वां जश्न मनाया जा रहा है जहां जिग्नेश मेवाणी को आमंत्रित किया गया है। गुजरात के ऊना में दलित युवकों की पिटाई के बाद उपजे आंदोलन ने जिग्नेश मेवाणी को गुजरात और देश भर में युवा दलित नेता के रुप में स्थापित कर दिया है। गुजारत चुनाव में वडगाम सीट से कांग्रेस के समर्थन से जिग्नेश, विधायक भी बन गए हैं। बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम में जिग्नेश के अलावा, उमर खालिद, सोनी सोरी औऱ विनय रतन सिंह को भी आमंत्रित किया गया है।
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