गुजरात उपचुनाव: एक सीट पर पर बीजेपी की जीत 2019 में पूरे सौराष्ट्र में बढ़ाएगी कांग्रेस की मुश्किल
अहमदाबाद। गुजरात के राजकोट जिले की जसदण विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कुंवरजी बावलिया की जीत बीजेपी के लिए 2019 के लिहाज से बेहद अहम है। कांग्रेस के लिए इसे गुजरात में बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि 2018 उपचुनाव में जसदण से बीजेपी के टिकट पर जीतने वाले कुंवरजी बावलिया कुछ समय पहले तक कांग्रेस में ही थे। उन्होंने जुलाई 2018 में कांग्रेस की सदस्यता और विधायक पद से इस्तीफा दिया, जिसके बाद बीजेपी सरकार में मंत्री बने और अब उपचुनाव भी जीत गए हैं। यूं तो जसदण विधानसभा सीट जीतने के बाद गुजरात में बीजेपी के विधायकों की संख्या में सिर्फ 1 अंक बढ़ा गया, मतलब 99 से अब वह 100 पर आ गई है, लेकिन आंकड़ों का गहनता से विश्लेषण करें तो इस जीत का प्रभाव 2019 लोकसभा चुनाव तक जाएगा। कम से कम बीजेपी 3 लोकसभा क्षेत्रों में कुंवरजी बावलिया के प्रभाव का फायदा मिल सकता है। यही कुंवरजी बावलिया जब कांग्रेस में थे, तब उन्होंने बीजेपी को सौराष्ट्र में काफी नुकसान पहुंचाया था।
35 विधानसभा सीटों और 3 लोकसभा क्षेत्रों पर प्रभाव रखते हैं कोली वोटर
कुंवरजी बावलिया कोली समुदाय (मछुआरे) के बड़े नेता माने जाते हैं। पूरे गुजरात के वोटरों के लिहाज से देखें तो कोली समुदाय के वोटर 20 प्रतिशत हैं। दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र की सभी सीटों को जोड़ दिया जाए तो करीब 35 विधानसभा क्षेत्रों में कोली मतदाताओं का सीधा असर है। कुंवरजी बावलिया लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे और यही एक ऐसा फैक्टर रहा, जिसकी वजह से बीजेपी कम से कम सौराष्ट्र में कांग्रेस को उस तरह नहीं हरा पाई, जिस प्रकार से गुजरात के बाकी क्षेत्रों में उसने कांग्रेस को पिछले कई चुनावों में बुरी तरह कराया। इसके पीछे बड़ा फैक्टर रहे कुंवरजी बावलिया।
कुंवरजी बावलिया की जीत बीजेपी को इन सीटों पर देगी फायदा
सौराष्ट्र क्षेत्र की बात करें तो यहां राजकोट, पोरबंदर, जामनगर, भावनगर, अमरेली और जूनागढ़ लोकसभा सीटें आती हैं। इन सभी सीटों पर कोली मतदाता अहम हैं। इनमें से करी तीन लोकसभा सीटों पर कुंवरजी बावलिया का सीधा असर है। 2009 में राजकोट लोकसभा सीट पर वह खुद भी जीत चुके हैं।
ये आंकड़े बताते हैं कुंवरजी बावलिया हैं कितने बड़े फैक्टर
2017 गुजरात विधानसभा चुनाव में कुंवरजी बावलिया कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे, लेकिन गुजरात में नेता विपक्ष का पद नहीं मिलने से नाराज होकर जुलाई 2018 में पहले कांग्रेस की सदस्यता और बाद में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी में शामिल करने के साथ ही कैबिनेट मंत्री का दर्जा दे दिया। कुंवरजी बावलिया की जसदण विधानसभा सीट पर यह छठी जीत है। वह इससे पहले पांच बार इसी सीट से चुने गए। वह कांग्रेस के टिकट पर सांसद का चुनाव भी जीत चुके हैं। उन्होंने 1995, 1998, 2002, 2007 and 2017 और अब 2018 में जसदण सीट पर जीत का परचम लहराया। 1960 में गुजरात राज्य बनने के बाद से बीजेपी जसदण सीट पर 2018 चुनाव से पहले सिर्फ एक बार ही जीत सकी। इसके पीछे भी कारण कुंवरजी बावलिया थे। 2009 में उन्होंने राजकोट से लोकसभा चुनाव लड़ा था, इस वजह से जसदण में बीजेपी को 2009 में जीत नसीब हुई थी और अब 2018 में बावलिया ने बीजेपी के लिए यह सीट जीती है।