आईएस टेरर मॉड्यूल: आतंकी बना रहे थे NIA हेडक्वार्टर को उड़ाने का प्लान
नई दिल्ली। देश की नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) ने इसी सप्ताह बुधवार को राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश से इस्लामिक स्टेट (आईएस) से प्रेरित संदिग्ध आतंकियों को हिरासत में लेकर उनके साथ कुछ हथियार भी बरामद किये थे। एनआईए ने दिल्ली और यूपी में अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर 4 जनों को हथियारों समेत कुल 16 लोगों को हिरासत में लिया था। इसमें एक मस्जिद में मौलवी मुफ्ती सुहैल को इस चरमपंथी समूह का सरगना बताया गया है, जो यूपी के अमरोहा का रहने वाला है।
जांच से यह भी पता चला है कि एनआईए की बिल्डिंग को भी उड़ाने की योजना चल रही थी। इस खतरनाक घटना को अंजाम देने के लिए अनस यूनुस, साकिब इफ्तेकार, मोहम्मद इरशाद और मुफ्ती हाफिज सुहैल जैसे संदिग्ध आतंकियों के नाम आगे आए हैं। जांच एजेंसी ने आईएस से जुड़े मामलों में 100 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से ज्यादातर यूपी के बताए जा रहे हैं।
जांच में पता चला है कि मुफ्ती हाफिज सुहैल- यूपी के अमरोहा के एक मौलवी है जो दिल्ली में रहते था और वह हरकत-उल-हरब-ए-इस्लाम से प्रेरित था। इस पूरे काम को अबू मलिक पेशावरी नाम का एक शख्स हैंडल कर रहा था, जिसने सुहैल को विस्फोटकों की खरीद और बम बनाने का तरीका सिखाया था।
सूत्रों के मुताबिक, दोनों ने टेलीग्राम और थ्रेमा पर सीक्रेट चैट की थी। सुहैल ने अबू बसीर अल खुरसानी के रूप में खुद का नाम इस्तेमाल किया था, जिसके इंटरनेट हिस्ट्री में बम बनाने की प्रक्रियाओं जैसे लिंक को देखा गया है। इन्वेस्टीगेटर्स अब जांच कर रहे हैं कि क्या पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई भी इन लोगों की मदद कर रही थी या नहीं।
एक अधिकारी ने कहा, 'यह पूरा ग्रुप खून खराबे के लिए पूरी तरह तैयार हो रहा था, लेकिन आतंकी साजिश का पर्दाफाश हो गया है।' एक अधिकारी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग मामले के तथ्यों को जाने बिना ही बरामद किये गए हथियारों पर गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी कर रहे हैं। बता दें कि छापेमारी में एनआईए ने पिस्टल, 25 किलो विस्फोटक, 112 अलार्म घड़ी, 100 मोबाइल फोन, 134 सिम कार्ड, तीन लैपटॉप और कुछ सुतली बम भी बरामद किये हैं। इस पर महबूबा मुफ्ती से लेकर कई लोगों ने सोशल मीडिया पर जांच एजेंसी का मजाक उड़ाया है।