कर्नाटक पुलिस के 'सिंघम' ने कमिश्नर पद से दिया इस्तीफा, दोस्तों को लिखे पत्र में बताया भविष्य का प्लान
बेंगलुरु: कर्नाटक पुलिस में सिंघम के नाम से मशहूर बेंगलुरु दक्षिण के पुलिस कमिश्नर के अन्नामलाई ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। तमिलनाडु के करूर के मूल निवासी अन्नामलाई 2011 बैच के कर्नाटक कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। अन्नामलाई के इस्तीफे के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वो अब राजनीति में कदम रख सकते हैं। हालांकि अपने दोस्तों और शुभचिंतकों के लिए जारी संदेश पत्र में ऐसी किसी योजना का खुलासा नहीं किया है।
राजनीति में कर सकते हैं ऐंट्री
अन्नामलाई के सहयोगी और पुलिस महानिदेशक रेलवे (बैंगलोर क्षेत्र) डी रूपा मौदगिल ने एक ट्वीट में कहा है कि अन्नामलाई अब राजनीति में एंट्री करेंगे। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि आईपीएस अन्नामलाई से बात की है। उन्होंने आज इस्तीफा दे दिया है। आईपीएस की नौकरी छोड़ने को लेकर डी रूपा ने कहा कि इसके लिए हिम्मत चाहिए, गद्दी छोड़ने के लिए साहस, मेहनत से अर्जित IPS की नौकरी। डी रूपा ने अपने ट्वीट में कहा कि राजनीति में ऐसे लोगों को देखकर बहुत खुशी होगी। उन्हें शुभकामनाएं।
इस्तीफे के बाद क्या बोले आईपीएस अन्नामलाई
आईपीएस अन्नामलाई ने अपने पत्र में कहा है कि निर्णय (इस्तीफा देने के लिए) छह महीने के समय के लिए अच्छी तरह से सोचा गया है। पिछले साल कैलाश मानसरोवर की मेरी यात्रा आंख खोलने वाली थी क्योंकि इससे मुझे जीवन में अपनी प्राथमिकताओं को बेहतर तरीके से देखने में मदद मिली। मधुकर शेट्टी सर की मृत्यू ने एक तरह से मुझे फिर से परीक्षण करने के लिए प्रेरित किया। बता दें कि कर्नाटक कैडर के आईपीएस अधिकारी मधुकर शेट्टी का स्वाइन फ्लू के इलाज के दौरान दिसंबर 2018 को हैदराबाद में निधन हो गया।
पत्र में भविष्य की योजनाओं का जिक्र
अन्नामलाई ने पत्र में अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में भी लिखा है। पत्र में अन्नामलाई ने कहा कि जो लोग अनुमान लगा रहे है कि मेरे लिए आगे क्या हैं तो मैं बता दूं कि मैं बहुत छोटा आदमी हूं जिसकी बुलंद महत्वकांक्षाएं हैं। मैं बस कुछ समय निकालना चाहता और जीवन में उन छोटी-छोटी चीजों का आनंद लेना चाहता था जिसे मैं भूल चुका था। मेरे बेटे लिए एक अच्छा पिता हो, जो मेरे हर समय का हकदार हो क्योंकि वह तेजी से बड़ा हो रहा है। अन्नामलाई ने उडुपी और चिक्कमगलुरु जिलों के एसपी बनने से पहले, 2013 में करकला उप-मंडल के एएसपी के रूप में अपना करियर शुरू किया। वह एक ईमानदार और सख्त अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं। उडुपी जिले से उनके स्थानांतरण के दौरान, जिले के लोगों ने उनके स्थानांतरण का विरोध किया था।
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