औरतों को सेक्स ऑब्जेक्ट समझने के कारण कश्मीर में मारे जा रहे ‘लंबू’ जैसे आतंकी
कश्मीर में जेहाद के नाम पर पाकिस्तानी आंतकियों ने सेक्स टेरर कायम कर रखा है। पुलवामा में शनिवार को मारा गया आतंकी लंबू इसका जीता जागता उदाहरण है। लंबू जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार था। वह पिछले कुछ समय से त्राल इलाके में महिलाओं का यौन शोषण कर रहा था। उसके अपने ही कौम की औरतें इस अत्याचार से मुक्त होने के लिए छटपटा रहीं थीं। अंत में उन्होंने मुंह खोला और सुरक्षा बलों से मदद की दरख्वास्त की। स्थानीय लोगों ने लंबू के खौफ से निजात पाने के लिए उसके हर मूवमेंट की जानकारी दी। आखिरकार सुरक्षबलों ने जैश के इस खूंखार आतंकी को मार गिराया। पाकिस्तानी के दहशतगर्द आजादी का झूठा सपना दिखा कर कश्मीरी लोगों के घरों में पनाह लेते हैं और फिर उनकी इज्जत, आबरु लूट लेते हैं। ऐसा करते समय उन्हें धर्म का बिल्कुल ख्याल नहीं आता है।
अपने ही लोगों की लड़कियों को उठा लेते हैं आतंकी
जून 2020 में कश्मीर की एक लड़की ने समाचार चैनल टाइम्स नाऊ को बताया था कि कैसे जैश-ए-मोहम्मद के एक आंतकी ने उसके साथ दुराचार किया था। वह लड़की पहले से शादीशुदा थी। उसकी शादी तनवीर अहमद नामक एक कश्मीरी युवक से हुई थी। एक दिन जैश के आतकियों ने उसके घर पर धावा बोल दिया। उसके पति तनवीर की खूब पिटाई की और जबरन उसे तलाक देने के लिए मजबूर कर दिया। जब लड़की ने आतंकियों के साथ इंकार किया तो उसे बंदूक के बल पर उठा लिया। जब यह घटना हुई उस समय उसके पिता अस्पताल में थे। अगवा करने के बाद इस लड़की की शादी जैश के एक आंतकी से करा दी गयी। पीड़ित लड़की के पिता ने भी टाइम्स नाऊ को बताया था कि जैश के आतंकी दाउद ने मारपीट कर उनकी लड़की को उठा लिया था। जब कि उसकी शादी पहले ही हो चुकी थी। जब हमने अपनी लड़की को छुड़ाने की कोशिश की तो हमसे भी मारपीट की गयी। बंदूक का खौफ था। हम बेबस लोग क्या कर सकते थे। पाकिस्तानी आतंकी कश्मीर की औरतों को सेक्स ऑब्जेक्ट की तरह समझते हैं। पिछले साल शोपियां में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के बाद एक आतंकी ठिकाने से गर्भनिरोधक, वियाग्रा और पोर्न फिल्में बरामद की थीं।
खौफ की खेती
पाकिस्तानी आतंकी कश्मीर में घुसपैठ करने के बाद स्थानीय लोगों को डराने के लिए बेवजह खूनखराबा करते हैं। फरवरी 2019 में पुलवामा के डोंगरपारा गांव में अलबदर नामक आतंकी संगठन ने इशरत नामक एक लड़की की हत्या कर दी थी। आतंकियों ने कश्मीरी लोगों में दहशत पैदा करने के लिए इस घटना का वीडियो बना कर जारी किया । इस वीडियो में हाथ जोड़े वह लड़की रहम की भीख मांग रही थी। लेकिन आतंकी उसे गोली मार देते हैं। इस घटना को आइएसआइएस की तरह अंजाम दिया गया था। आतंकियों ने मुखबीर होने के आरोप में उस लड़की को गोली मारी थी। उसका ममेरा भाई आतंकवादी था जो सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। आतंकियों को शक था कि उसके ठिकाने की सूचना इशरत ने ही दी थी।
आशिकमिजाजी का अंजाम
2017 में कश्मीर के एक बड़े पुलिस अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया था कि आतंकवादी अपनी आशिकमिजाजी के चलते बहुत जल्द ही ट्रेस हो जा रहे हैं। किसी औरत के चक्कर में वे अपनी सुरक्षा से समझौता कर लेते हैं जिसकी वजह से पकड़ना आसान हो जाता है। कई बार सतायी हुई लड़कियां या प्रेम में धोखा खायी लड़कियां बदला लेने के लिए आतंकियों का ठिकाना खुद ही बता देती हैं। 1999 में लश्कर का कमांडर अबु तालहा इसी तरह मारा गया था। लश्कर का कमांडर रहा अब्दुल्लाह उनी की चार-पांच लड़कियों से दोस्ती थी। सोपोर में उसका आतंक छाया हुआ था। भारतीय सुरक्षा बलों की तमाम कोशिशों के बाद भी वह पकड़ में नहीं आ रहा था। लेकिन एक लड़की की वजह से 2012 में उसके ठिकाने की जानकारी मिल गयी और वह मुठभेड़ में मारा गया। शनिवार को लंबू का भी अंत कुछ इसी तरह हुआ।
कश्मीरी लड़कियां अब ले रहीं हथियार चलाने की ट्रेनिंग
कश्मीर की लड़कियां आतंकियों के शोषण और जुल्म से इस कदर डरी हुई हैं कि अब वे सेना और सुरक्षाबलों पर भरोसा करने लगी हैं। आतंकियों के चंगुल से बचने के लिए कश्मीरी लड़कियां सेना के शिविर में मार्शल आर्ट और हथियार चलाने का प्रशिक्षण ले रही हैं। पिछले साल ही कश्मीर के मोहोर आर्मी कैंप में यह प्रशिक्षण केन्द्र खुला है। आतंकी संगठन ऐसी लड़कियों को डरा धमका रहे हैं। उन्हें सेना से दूर रहने की चेतावनी दी जा रही है। आतंकियों डर लग रहा है कि भारतीय सेना इन लड़कियों का इस्तेमाल उनके खिलाफ ही करने वाली है।
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