IndoreBuildingCollapse: आखिर कैसे बेटे ने अपने बुजुर्ग को खो दिया, लोग मोबाइल से बनाते रहे वीडियो
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में जिस तरह से बहुमंजिला इमारत ढह गई उसमे 10 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और कई लोग बुरी तरह से घायल हो गए। लेकिन इस घटना के बाद प्रशासन की लापरवाही और लोगों का अमानवीय चेहरा भी सामने आया है। दरअसल इस घटना के बाद लोगों को बचाने के लिए नगर निगम की ओर से रिमूवल गैंग के कर्मचारी पहुंचे थे, जिन्होंने जेसीबी को बिल्डिंग के मलबे पर ही चढ़ा दिया।
नगर निगम की खुली पोल
घटना के बाद बिल्डिंग का मलबा हटाने के लिए पहुंचा नगर निगम का जेसीबी मलबे पर जाकर खड़ा हो गया। जिसके बाद आशंका जताई जा रही है कि इस मलबे में दबने की वजह से भी कई लोगों को चोटें आई हैं। नगर निगम की टीम की इस हरकत ने गंभीर घटना से निपटने की नगर निगम की तैयारियों की भी पोल खोलकर रख दी है। वहीं घटना के बाद मौके पर मौजूद लोगों की भीड़ ने मदद की बजाए फोन पर वीडियो बनाने का सिलसिला जारी रखा।
लोग फोटो खींचने में लगे रहे
स्थानीय लोग मलबे में दबे लोगों को बचाने की बजाए अपने मोबाइल फोन पर वीडियो बनाते रहे और फोटो क्लिक करते रहे। जिसके कारण यहा चल रहे राहत और बचाव कार्य में बचावकर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। आलम यह था कि तकरीबन 10 बार पुलिस को इस भीड़ को हटाने के लिए लाठी का इस्तेमाल करना पड़ा। लेकिन बावजूद इसके भीड़ अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही थी। जिसके बाद आखिरकार रात को 12 बजे घटनास्थल पर बैरिकेड लगा दिया गया, जिससे कि मलबा हटाने का काम सुचारू रूप से चल सके।
हादसे से 10 मिनट पहले किया फोन
वहीं इस लॉज में मैनेजर के पद पर काम करने वाले हरीश सोनी की इस घटना में मृत्यु हो गई है। हरीश सोनी के बेटे लकी ने बताया कि घटना से दस मिनट पहले मेरे पिता का मेरे पास फोन आया था, उन्होंने मुझसे बताया ता कि लॉज की दीवार गिर गई है। मैंने उनसे कहा था कि आप वहां से तुरंत बाहर निकले मैं वहां आ रहा हूं। लेकिन उन्होंने कहा कि मैं लोगों को बाहर निकालने में मदद कर रहा हूं, तुम परेशान मत हो।
होटल मालिक पर लगाए संगीन आरोप
घटना के बाद जब लकी अपनी बहन किरण के साथ मौके पर पहुंचा तो पूरी बिल्डिंग ध्वस्त हो गई थी और कई लोग इसके नीचे दब गए थे। लकी अपने पिता को मलबे से निकालने के लिए जाना चाहता था, लेकिन पुलिस ने उसे जाने नहीं दिया, जिसके बाद रात 12 बजे हरीश सोनी (70) का शव बिल्डिंग से बाहर निकाला गया, जिसे देखकर उनका पूरा परिवार जोर-जोर से चिल्लाने लगा। किरण ने आरोप लगाया है कि होटल का मालिक शंकर परवानी उनके पिता से बहुत काम करवाता था, वह उसे सुबह से लेकर रात तक काम करवाता था। मैंने कई बार बोला कि दिन में ड्युटी लगवाओ और छुट्टी ले लो। लेकिन मालिक उन्हे छुट्टी नहीं देता था।
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