कौन थे भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी, जिनकी अफगानिस्तान में कवरेज के दौरान हुई हत्या
नई दिल्ली, 16 जुलाई। पाकिस्तान से सटे अफगानिस्तान के स्पिन बोल्डाक क्षेत्र में कवरेज कर रहे भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या कर दी गई है। दानिश सिद्दीकी समाचार एजेंसी रॉयटर्स के लिए काम कर रहे थे और पिछले कुछ दिनों से कंधार में मौजूद थे जहां भीषण संघर्ष चल रहा है। स्पिन बोल्डक पर पिछले दिनों तालिबान ने कब्जा करने का दावा किया था जिसके बाद अफगान सुरक्षा बल क्षेत्र को वापस लेने की कोशिश कर रहे हैं और यहां पर भीषण संघर्ष चल रहा है। दानिश सिद्दीकी रॉयटर्स के लिए संघर्ष की कवरेज कर रहे थे।
अफगान राजदूत ने दी मौत की जानकारी
दानिश सिद्दीकी की मौत की जानकारी पहले भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुंदजई के ट्वीट से मिली थी। मामुंदजई ने एक ट्वीट में लिखा अपने भारतीय दोस्त दानिश सिद्दीकी की कंधार में हत्या की दुखत खबर ने व्यथित हूं। भारतीय पत्रकार और पुलित्जर पुरस्कार विजेता अफगान सुरक्षा बलों के साथ थे। मैं उनसे दो सप्ताह पहले मिला था जब वह काबुल जाने वाले थे। उनके परिवार और रॉयटर्स के लिए संवेदनाएं।
रॉयटर्स ने भी दानिश सिद्दीकी की मौत की पुष्टि की है। अफगानिस्तान के प्रमुख टीवी चैनल टोलो न्यूज ने बताया कि स्पिन बोल्डाक शहर में युद्ध को कवर करने के दौरान भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत हो गई।
Recommended Video
रोहिंग्या कवरेज के लिए मिला था पुलित्जर
फोटो जर्नलिस्ट के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले दानिश सिद्दीकी मुंबई में तैनात थे और रॉयटर्स की फोटो विभाग की मल्टीमीडिया टीम के प्रमुख थे। रोहिंग्या शरणार्थी संकट की कवरेज के दौरान उनके काम को खूब सराहा गया। रोहिंग्या संकट की कवरेज के लिए 2018 का पुलित्जर पुरस्कार जीतने वाले रॉयटर्स फोटोग्राफी टीम का हिस्सा थे।
दानिश ने दिल्ली के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पढ़ाई करने के बाद वहीं पत्रकारिता का कोर्स किया।
टीवी पत्रकार के तौर पर की शुरुआत
दानिश ने कैरियर की शुरुआत टीवी पत्रकार के तौर पर की लेकिन बाद में उन्होंने फोटो पत्रकारिता को अपना करियर बनाया। इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक दानिश 2008 से 2010 तक ग्रुप के साथ एक संवाददाता के तौर पर जुड़े थे। 2010 में वह रॉयटर्स से जुड़े और तब से फोटो जर्नलिस्ट के रूप में कई महत्वपूर्ण कवरेज की जिसमें अफगानिस्तान और इराक में युद्ध, रोहिंग्या शरणार्थियों का संकट, हांगकांग में विरोध प्रदर्शन और नेपाल भूकंप की कवरेज शामिल है।
रॉयटर्स के अलावा सिद्दीकी के काम को गार्जियन, न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट, अल जजीरा समेत कई अंतरराष्ट्रीय और भारतीय प्रकाशनों ने प्रकाशित किया है
तीन दिन पहले हुआ था हमला
रॉयटर्स के मुताबिक सिद्दीकी पाकिस्तान की सीमा पर क्रॉसिंग के पास अफगान सुरक्षा बलों और तालिबान लड़ाकों के बीच संघर्ष को कवर कर रहे थे जहां उनकी हत्या कर दी गई। इस दौरान तालिबान के हाथों एक वरिष्ठ अफगान अधिकारी की भी हत्या हुई है।
सिद्दीकी ने अपनी आखिरी स्टोरी तीन दिन पहले ही भेजी थी जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे तालिबान के कब्जे में आए एक पुलिसवाले को बचाने के लिए अफगान सुरक्षा बलों ने अभियान चलाया था। दानिश सिद्दीकी जब अफगान बलों के साथ जा रहे थे उसी दौरान तालिबान ने उनके काफिले पर हमला कर दिया था। उन्होंने ट्वीट कर बताया था कि कैसे वह बाल-बाल बचे थे।
ट्वीट में उन्होंने लिखा "जिस हम्वी में मैं अन्य विशेष बलों के साथ यात्रा कर रहा था, उसे भी कम से कम 3 आरपीजी राउंड और अन्य हथियारों से निशाना बनाया गया था। मैं भाग्यशाली था कि मैं सुरक्षित रहा और एक रॉकेट को कवच के ऊपर से टकराते हुए कवर कर सका।"
रॉयटर्स ने कैसे किया याद?
रॉयटर्स ने दानिश को याद करते हुए लिखा है "दानिश एक उत्कृष्ट पत्रकार, एक समर्पित पति, पिता और एक बहुत प्यार करने वाले सहयोगी थे। इस भयानक समय में हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।"
रॉयटर्स के मुताबिक सिद्दीकी ने रॉयटर्स को बताया कि शुक्रवार को झड़प की रिपोर्ट करते समय छर्रे लगने से उनके हाथ में चोट लग गई थी। जब तालिबान लड़ाके स्पिन बोल्डाक में लड़ाई से पीछे हट गए तो उनका इलाज किया गया और वे ठीक हो रहे थे।
अफगान कमांडर ने कहा कि सिद्दीकी दुकानदारों से बात कर रहे थे जब तालिबान ने फिर से हमला कर दिया। माना जा रहा है कि इसी दौरान तालिबान ने उनकी हत्या कर दी। हालांकि रॉयर्स स्वतंत्र रूप से अफगान अधिकारी के बयान की पुष्टि करने में असमर्थ रहा है क्योंकि उसने अपनी पहचान जाहिर करने से मना किया था।
The Humvee in which I was travelling with other special forces was also targeted by at least 3 RPG rounds and other weapons. I was lucky to be safe and capture the visual of one of the rockets hitting the armour plate overhead. pic.twitter.com/wipJmmtupp
— Danish Siddiqui (@dansiddiqui) July 13, 2021
अफगानिस्तान में भारतीय पत्रकार की हत्या, पुलित्जर अवार्ड विजेता थे दानिश सिद्दीकी, तालिबान पर शक