भारत ने चीनी सोडियम साइट्रेट पर एंटी-डंपिंग शुल्क बढ़ाया, घरेलू उद्योग को होगा बड़ा फायदा
नई दिल्ली। कोरोना संकट में भारत सरकार ने फार्मा उद्योग द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले चीनी सोडियम साइट्रेट पर डंपिंग रोधी शुल्क को बढ़ा दिया है। बता दें कि 5 मई को वाणिज्य मंत्रालय ने खाद्य और दवा उद्योग में इस्तेमाल होने वाले चीन से आयातित इस रसायन पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की थी। घरेलू विनिर्माताओं के संरक्षण के लिए मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने सोडियम साइट्रेट पर पांच साल के लिए डंपिंग रोधी शुल्क को बढ़ा दिया है।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक घरेलू उद्योग को अत्यधिक डंपिंग से बचाने के लिए चीन से आयातित होने वाली एक प्रमुख दवा सामग्री सोडियम साइट्रेट पर एंटी-डंपिंग शुल्क बढ़ाया है। मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने सोडियम साइट्रेट पर और पांच साल के लिए एंटी-डंपिंग शुल्क को बढ़ा दिया है। एक जांच में पाया गया है कि भारत में चीनी उत्पाद की डंपिंग जारी है जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि रसायन के आयात पर मई 2015 में पांच साल के लिए डंपिंग रोधी शुल्क लगाया था। इसकी मियाद इस साल 19 मई को खत्म हो चुकी है।
वाणिज्य मंत्रालय इसकी सिफारिश पर अब वित्त मंत्रालय ने एक बार फिर पांच साल के लिए रसायन के आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क को बढ़ा दिया है। बता दें कि डंपिंग, एक अनुचित व्यापार अभ्यास जो किसी उत्पाद के निर्यात को उसके सामान्य मूल्य से कम कीमत पर निर्यात करता है। इसे दंडात्मक एंटी-डंपिंग ड्यूटी द्वारा गिना जाता है। घरेलू उद्योग के लिए खतरा बनने वाले अप्रत्याशित आयात वृद्धि की जांच के लिए एक सुरक्षा शुल्क भी लगाया जाता है। गहन जांच के बाद, 30 अप्रैल को व्यापार महानिदेशालय (DGTR) ने चीन से सोडियम साइट्रेट के आयात पर डंपिंग रोधी शुल्क को अगले पांच साल के लिए बढ़ाने की सिफारिश की थी।
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