क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

भारत के लिए खतरे की घंटी, 2025 तक बढ़ेगा हिन्‍द महासागर का तापमान, और अधिक चक्रवातों की आशंका

भारत के लिए खतरे की घंटी, 2025 तक बढ़ेगा हिन्‍द महासागर का तापमान, और अधिक चक्रवातों की आशंका

By Ajay Mohan
Google Oneindia News

नई दिल्ली, मई 27। अरब सागर में उठे तउते चक्रवात का कहर और फिर बंगाल की खाड़ी से उठा यास तबाही मचा रहा है, उससे भारत के कई हिस्‍सों में भारी नुकसान हुआ है। ये दोनों चक्रवात मॉनसून के ठीक पहले आये। मौसम वैज्ञानिकों ने इसके पीछे भारतीय महासागर के बढ़ते तापमान को बड़ी वजह बताया है और इस बात पर अंतर्राष्‍ट्रीय संगठन वर्ल्‍ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन ने भी अपनी मुहर लगा दी है। साथ ही यह कहा है कि भारतीय महासागर समेत सभी महासागरों के तापमान बढ़ने की वजह से 2021 से 2025 के बीच ऐसे चक्रवात आने की और अधिक आशंका है।

 India could face more more heavy cyclones in next five years

दरअसल संयुक्त राष्‍ट्र से जुड़े अंतर्राष्‍ट्रीय संगठन वर्ल्‍ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन ने यूके के मौसम विभाग के साथ एक अंतर्राष्‍ट्रीय रिपोर्ट जारी की है जिसमें कहा गया है कि 2021 से 2025 के बीच दक्षिणी महासागर और उत्तरी अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्‍सों को छोड़ कर बाकी सभी महासागरों में तापमान पहले की तुलना में बढ़ेगा और पहले की तुलना में और अधिक उष्णकटिबंधीय चक्रवात उत्पन्न होंगे। जाहिर है भारतीय महासागर भी इसमें शामिल है और ऐसे चक्रवातों से निपटने के लिए भारत के तटीय शहरों को और अधिक तैयार रहने की जरूरत पड़ेगी।

रिपोर्ट में की गई भविष्‍यवाणी के प्रमुख अंश:

  • वर्ष 2021 में, उत्तरी गोलार्द्ध में बड़े भू-क्षेत्र के 0.8°C अधिक गर्म होने की संभावना है।
  • ऐसी 90 प्रतिशत तक संभावना है कि अगले पांच वर्षों में पृथ्‍वी के औसत तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी। जिसमें कुछ क्षेत्रों में तापमान 0.8 डिग्री तक और कुछ में 1.8 डिग्री तक बढ़ेगा।
  • 2021-2025 के बीच कम से कम एक वर्ष ऐसा होगा जो गर्मी के मामले में पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा। 90% संभावना है कि उस वर्ष का तापमान 2016 के औसत तापमान से अधिक होगा।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि पेरिस समझौते के तहत पृथ्‍वी के तापमान में वृद्ध‍ि को 1.5 डिग्री के नीचे रखना सभी देशों के लिए बडी चुनौती होगा। खास तौर से उनके लिए जहां ज्‍यादातर उद्योग जैविक ऊर्जा पर निर्भर हैं।
  • ऑस्‍ट्रेलिया और सहारा मरुस्‍थल व उसके आस-पास के ऊँचाई वाले इलाकों में पहले की तुलना में अधिक नमी की संभावना व्‍यक्‍त की गई है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ:

डब्‍ल्‍यूएमओ की रिपोर्ट पर भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, पुणे के जलवायु वैज्ञानिक रॉक्सी मैथ्यू कोल का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग से पैदा होने वाली अतिरिक्त गर्मी का 93% भाग महासागर अवशोष‍ित करते हैं। जिसके चलते महासागरों के बीच, कुछ क्षेत्र काफ़ी तेज़ी से गर्म हो जाते हैं, और ऐसा हो भी रहा है। उदाहरण के लिए, हाल ही में पश्चिमी भारतीय महासागर क्षेत्र में दर्ज की गई दीर्घकालिक सतह 1.2-1.4 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म हुई है। इसका मानसून और मौसम की घटनाओं पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। समुद्र के गर्म होने के परिणामस्वरूप चक्रवातों की तीव्रता बढ़ रही है। हाल ही में तूफ़ान तउते, शुरुआत में एक कमज़ोर चक्रवात था लेकिन बहुत कम समय में आक्रामक चक्रवात में बदल गया। ऐसी घटनाएं भविष्‍य में बढ़ सकती हैं, इसलिए तटीय शहरों के प्रशासन को और अध‍िक मुस्‍तैद रहने के साथ-साथ अधिक तैयारियां करनी होंगी।

Yaas Cyclone:यास का अर्थ क्या है ? चक्रवात कहलाने के लिए तूफानी हवा की स्पीड क्या होनी चाहिए ?Yaas Cyclone:यास का अर्थ क्या है ? चक्रवात कहलाने के लिए तूफानी हवा की स्पीड क्या होनी चाहिए ?

Comments
English summary
India could face more more heavy cyclones in next five years.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X