India-China faceoff: चुशुल में भारत-चीन के बीच 14 घंटे से भी ज्यादा देर तक चली कोर कमांडर वार्ता
नई दिल्ली। भारत और चीन के मिलिट्री कमांडर्स 14 जुलाई को एक बार फिर पूर्वी लद्दाख में जारी टकराव को खत्म करने के लिए कोर कमांडर वार्ता हुई। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के हालातों को सामान्य करने के लिए मंगलवार को जो वार्ता हुई वह 14 घंटे से भी ज्यादा समय तक चली है। इस वार्ता में फिंगर एरिया और देपसांग में तनाव को कम करने पर बातचीत हुई। अभी तक इस मीटिंग में क्या बात हुई इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। सेना की तरफ से आज शाम तक कोई आधिकारिक टिप्पणी की जा सकती है।
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देर रात दो बजे तक जारी थी मीटिंग
चुशुल स्थित बॉर्डर पर्सनल मीटिंग (बीपीएम) प्वाइंट पर मंगलवार को सुबी 11:30 बजे से मीटिंग शुरू हुई थी। इस मीटिंग में एक बार फिर लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह, पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के साउथ शिनजियांग मिलिट्री रीजन के कमांडर मेजर जनरल ल्यू लिन से मुलाकात कर रहे थे। सूत्रों की ओर से बताया गया है कि यह मीटिंग देर रात दो बजे तक जारी थी। भारत और चीन के बीच अब तक चार दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता हो चुकी है। पहली वार्ता छह जून को हुई थी। उसके बाद 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसा के एक हफ्ते बाद यानी 22 जून को मीटिंग हुई और फिर 30 जून को कोर कमांडर वार्ता हुई। 14 जुलाई को हुई वार्ता चौथे दौर की वार्ता थी। पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक फिंगर इलाके और देपसांग सेक्टर में मौजूद हैं। मंगलवार को जो वार्ता हुई है उसे काफी संवेदनशील माना जा रहा है। गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट पर उस जटिल डिसइंगेजमेंट प्लान पर भी चर्चा हुई है जिसे 30 जून की मीटिंग में तैयार किया गया था। हालांकि इन इलाकों से कुछ हद तक चीनी और भारतीय जवान पीछे चले गए हैं।