India-China faceoff: 3 चरणों में पूर्वी लद्दाख में LAC से पीछे हटेंगी सेनाएं, फिंगर 8 पर लौटेंगे चीनी जवान
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच 6 नवंबर को आंठवें दौर की कोर कमांडर वार्ता हुई थी। दोनों देशों के बीच पिछले छह माह से पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर टकराव जारी है। न्यूज एजेंसी एएनआई की तरफ से बताया गया है कि चुशुल में हुई इस वार्ता में दोनों देश इस बात पर रजामंद हुए कि हैं पैंगोंग त्सो से सेनाओं को तीन चरण में हटाया जाएगा। पूर्वी लद्दाख में इस समय भयंकर सर्दियां शुरू हो चुकी हैं लेकिन दोनों ही देशों की सेनाएं पीछे हटने को राजी नहीं हैं।
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पहले चरण में टैंक्स हटेंगे पीछे
एएनआई ने सेना के सूत्रों के हवाले से बताया है कि डिसइंगेजमेंट प्लान के तहत एक हफ्ते के अंदर पैंगोंग झील इलाके से तीन चरणों में डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। बख्तरबंद गाड़ियों जिसमें टैंक और जवान भी शामिल हैं, उन्हें इलाके से हटाया जाएगा। यह भी तय हुआ है कि फ्रंटलाइन डेप्लॉयमेंट को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) से एक जरूरी दूरी पर ही रखा जाएगा। जिस बिंदु पर चर्चा हुई है उसके मुताबिक टैंक्स और आर्मर्ड पर्सनल कैरियर्स को एक दिन के अंदर हटाया जाएगा। छह नवबर को जो मीटिंग हुई है उसमें विदेश मंत्रालय के ज्वॉइन्ट सेक्रेटरी नवीन श्रीवास्तव और डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) के मुखिया घई भी शामिल हुए थे।
पैंगोंग के दक्षिण से भी पीछे हटेंगे सैनिक
दूसरे चरण के तहत पैंगोंग त्सो के उत्तरी किनारे पर दोनों तरफ से सैनिकों की तैनाती में करीब 30 प्रतिशत तक की कमी की जाएगी। हर तीन दिन में जवानों को हटाया जाएगा। भारतीय जवान अपनी प्रशासिनक पोस्ट धन सिंह थापा के करीब रहेंगे जबकि चीनी की सेना फिंगर 8 के पूर्व में स्थित अपनी पोस्ट पर वापस लौटने पर राजी हो गई है। तीसरे और आखिरी चरण में दोनों पक्ष पैंगोंग के दक्षिणी इलाके में फ्रंटलाइन पर अपनी-अपनी पोजीशन से पीछे हटेंगे जिसमें चुशुल और रेजांग ला का इलाका भी शामिल है।दोनों देश इस बात पर भी राजी हुए हैं कि एक ज्वॉइन्ट मैकेनिज्म के तहत डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया में हुई प्रगति का आकलन किया जाएगा। प्रक्रिया किस तरह से आगे बढ़ रही है, उसके आकलन के लिए प्रतिनिधिमंडल की मीटिंग्स होंगी और साथर ही यूएवी के जरिए भी नजर रखी जाएगी।