COVID-19:भारत में मई में सबसे ज्यादा बढ़ सकते हैं केस, Lockdown से मिली बड़ी मदद-सूत्र
नई दिल्ली- सरकारी सूत्रों का मानना है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का चरम स्तर अभी नहीं आया है। मई में इसकी संख्या में बहुत ज्यादा इजाफे की आशंका है। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने विभिन्न राज्यों से मिल रहे आंकड़ों के विश्लेषण के बाद ऐसी आशंका जताई है। हालांकि, अधिकारियों का मानना है कि लॉकडाउन की वजह से कोरोना वायरस के संक्रमण पर लगाम लगाने में बहुत मदद मिली है। इसके साथ ही सरकार मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में बढ़ रहे मामलों को देखकर ज्यादा परेशान बताई जा रही है। वैसे जिन राज्यों ने शुरू से एहतियाती कदम उठा लिए थे, वहां से आए दिन बेहतर परिणाम मिलने के आसार जताए जा रहे हैं।
मई में सबसे ज्यादा बढ़ सकते हैं केस-सूत्र
सरकार का अंदरुनी आंकलन ये है कि भारत में कोरोना वायरस के मामले मई महीने के पहले हफ्ते में अबतक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच जाएंगे, जिसके बाद उसकी तादाद धीरे-धीरे घटनी शुरू हो जाएगी। एनडीटीवी ने गृह मंत्रालय के सूत्रों के आधार पर इतना बड़ा दावा किया है। सरकारी सूत्रों का मानना है कि जिन राज्यों ने सबसे पहले लॉकडाउन को कड़ाई से लागू किया, वहां दूसरे राज्यों की तुलना में स्थिति थोड़ी बेहतर है और वहां कुल मामलों में कमी देखी जाने लगी है। सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान, पंजाब और बिहार जैसे राज्यों ने सबसे पहले लॉकडाउन की घोषणाएं कीं, वहां उन राज्यों से संख्या ज्यादा नियंत्रण में हैं, बजाय उन राज्यों के जिन्होंने शुरू में आशंकि पाबंदियों का रास्ता अपनाया, मसलन उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र। एक वरिष्ठ नौकरशाह के मुताबिक, 'अगला एक हफ्ता बहुत ही अहम है। भारत टेस्ट की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ाने जा रहा है। सांस से संबंधित गंभीर संक्रमण के लक्षणों वाले सभी लोगों का टेस्ट किया जाएगा।'
3.6 लाख से ज्यादा लोग क्वारंटीन में हैं
उस वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सरकार मानकर चल रही है कि अगले कुछ दिनों तक कोरोना वायरस के मामलों में इजाफा देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा, 'संख्या में इजाफा होगा साथ ही साथ ज्यादा टेस्ट भी होंगे और लक्षणों के साथ आइसोलेशन में भेजे जाने वाले लोगों की संख्या भी रोजाना बढ़ेगी।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हफ्ते जबसे लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की है तब से अबतक कोरोना वायरस के पॉजिटिव केसों की संख्या 3,400 से ज्यादा बढ़ चुकी है और कुल मामले 13,000 को पार कर चुके हैं। उस घोषणा के बाद से लेकर गुरुवार तक ही 36,000 से ज्यादा लोग सरकारी केंद्रों या घर पर क्वारंटीन किए जा चुके हैं। गुरुवार तक के आंकड़ों के मुताबिक देश में करीब 3.6 लाख लोग या तो सरकारी केंद्रों पर या तो घरों पर क्वारंटीन हैं। एक अधिकारी के मुताबिक 'इनमें से ज्यादातर लोगों का सरकार टेस्ट करवाएगी।' उन्होंने ये भी बताया कि सरकार के लिए सिर्फ हॉटस्पॉट वाले इलाके ही चुनौती नहीं हैं, कुछ और इलाके भी चिंता की वजह हैं जहां संक्रमण फैलने का खतरा है। उन्होंने कहा कि एक बड़े हिस्से की पहचान करना तो आसान है, लेकिन छोटे-छोटे हिस्सों में फैले हुए मामलों को रोकना बहुत मुश्किल है।
राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का दिख रहा है असर
राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का व्यापक असर हो रहा है यह बताने के लिए केंद्र सरकार के अधिकारियों ने तीन राज्यों का उदाहरण दिया है। सबसे पहले संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा करने वाले राजस्थान में 1,131 लोग संक्रमित पाए गए हैं, जबकि 164 लोग स्वस्थ हुए हैं। गृह मंत्रालय के पास जो डेटा उपलब्ध है, उसके मुताबिक वहां गुरुवार तक कुल 7,448 लोग आइसोलेशन में रखे गए थे। पंजाब में 186 लोग संक्रमित हुए, जिनमें 27 लोग ठीक भी हो गए और 13 लोगों की मौत हो चुकी है। गुरुवार तक वहां 11,000 लोग आइसोलेशन केंद्रों पर थे। बिहार में 80 लोग संक्रमित हुए हैं और उनमें से 37 लोग ठीक हो गए, लेकिन वहां कोरोना वायरस के पहले मरीज की मौत हो चुकी है।
देर से फैसला लेना पड़ा महाराष्ट्र पर भारी
महाराष्ट्र ने पाबंदियों की घोषणा में देरी की और वहां आज देश में सबसे ज्यादा 3,205 कोरोना वायरस के मरीज हैं। यहां सबसे ज्यादा 194 कोरोना मरीजों ने दम भी तोड़ा है। गुरुवार तक वहां 75,000 लोग आइसोलेशन में थे। उत्तर प्रदेश ने शुरू में सिर्फ 15 जिलों में ही सख्ती से लॉकडाउन की घोषणा की और वहां आज कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 805 पहुंच चुकी है। यहां 74 लोग इससे ठीक हुए हैं, लेकिन 13 लोगों की मौत भी हुई है। गुरुवार तक यहां 37,223 को आइसोलेशन में रखा गया था। इसी तरह गुजरात में आज कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीजों की संख्या 930 पहुंच चुकी है, जिनमें 73 ठीक हो गए हैं, लेकिन 36 लोग जान गंवा चुके हैं। गुरुवार तक यहां 15,147 लोगों को आइसोलेशन वॉर्ड में रखा गया था।
आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश पर है नजर
बात दिल्ली की करें तो यहां आज कोविड-19 पॉजिटिव केसों की संख्या 1,640 तक पहुंच चुकी है। जबकि गुरुवार तक यहां 14,504 लोग क्वारंटीन में रखे गए थे। यहां कोरोना से 38 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन 51 लोग ठीक भी हुए हैं। जिन अधिकारियों ने राज्यवार ब्योरा दिया है, उनके मुताबिक आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य आज चिंता की बड़ी वजह बने हुए हैं। आंध्र प्रदेश में पॉजिटिव केसों की संख्या तेजी से बढ़कर 534 हो चुकी है। यहां गुरुवार तक 58,534 लोगों को क्वारंटीन में रखा गया था, जो कि देश में दूसरे नंबर पर है। इसी तरह मध्य प्रदेश में पॉजिटिव मामलों की संख्या अब 1,120 तक पहुंच चुकी है, जिनमें 53 लोगों की मौत हो चुकी है और 64 ठीक हुए हैं। यहां आइसोलेशन में वक्त गुजार रहे लोगों की संख्या गुरुवार को 9,198 थी।