पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट को सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली राहत, अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई शुरू
नई दिल्ली। पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के घर के अवैध हिस्से को तोड़ने का शुरू कर दिया गया है। संजीव भट्ट अहमदाबाद नगर निगम के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए थे, जिसमें उनके घर के एक हिस्से को अवैध बताते हुए गिराने की बात कही गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उनके घर के अवैध हिस्से को तोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है।
संजीव भट्ट के पड़ोसी ने अहमदाबाद नगर निगम से अवैध निर्माण के बारे में शिकायत की थी। इसके बाद नगर निगम ने संजीव भट्ट को नोटिस भेजा था, जिसके खिलाफ संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता ने गुजरात हाईकोर्ट में अपील की थी, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट गया। शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी, लेकिन मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई को मंजूरी दे दी।
श्वेता भट्ट के वकील ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि सुनवाई के बिना अहमदाबाद नगर निगम ने मनमाने ढंग से उन्हें नोटिस थमा दिया है। शहर के ड्राइव इन क्षेत्र की सुशील नगर सोसायटी में स्थित बंगला संजीव भट्ट और उनकी पत्नी श्वेता के नाम पर है।