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सादगी की मिसाल है यह Ex IIT प्रोफेसर, पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन भी रहे हैं इनके शिष्य

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नई दिल्ली। आईआईटी दिल्ली और अमेरिका की ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद एक शख्स ऐसा भी है जो बेहद सादगी के साथ जीवन जी रहा है। गाड़ी, बंगला, आराम की जिंदगी से कोसों दूर यह शख्स सादगी ​की मिसाल है।

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दरअसल, यह कहानी आलोक सागर की है। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद अमेरिका की ह्यूस्टन यूनिवर्सिटी से पीएचडी पूरी की। इसके बावजूद वह इन दिनों आपको मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में आदिवासियों को शिक्षा देते हुए मिल जाएंगे।

पुलिस जांच में हुआ खुलासा

आलोक सागर के बारे में ज्यादा लोगों को इसलिए भी नहीं पता लग सका क्योंकि उन्होंने खुद भी कभी अपनी डिग्री के बारे में ज्यादा किसी से चर्चा नहीं की। कुछ ही दिनों पहले छपी खबरों में उनका नाम सामने आया जब इंटेलिजेंस एजेंसी ने उन्हें संदिग्ध व्यक्ति समझकर अपनी पहचान बताने को कहा। इसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई और जीवनशैली को लेकर जो खुलासा किया, उसे पढ़कर आप भी हैरान रह जाएंगे।

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रघुराम राजन को भी पढ़ाया था

आलोक सागर बीते 32 वर्षों से मध्य प्रदेश के सुदूर आदिवासी क्षेत्र में रह रहे हैं। आपको बता दें कि आलोक सागर ने आईआईटी दिल्ली में पढ़ाया भी है। इससे भी खास यह है कि उनके पढ़ाए गए छात्रों में से एक छात्र पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन भी थे।

छोटी सी झोपड़ी में गुजारा

आलोक सागर भौरा तहसील में एक छोटे गांव में झोपड़ी बनाकर उसमें रहते हैं और वहीं बच्चों को पढ़ाते भी हैं। वह बीते 26 वर्षों से बैतूल में आदिवासियों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।

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ये है इनके जीवन का मिशन

आलोक बीते 26 वर्षों से बैतूल जिले के आदिवासी गांव कोचामाऊ में रहते हैं। यहां उन्होंने जंगल को हरियाली युक्त रखने और आदिवासियों को शिक्षित करने का मिशन बना रखा है। वो अपनी उच्च शिक्षा का ढिंढोरा पीटने में यकीन नहीं रखते हैं।

तीन कुर्ते, एक साइकिल है जमापूंजी

कई आईआईटियंस को पढ़ाने वाले इस शिक्षक के पास आज जमापूंजी के तौर पर तीन कुर्ते, एक साइकिल है। कई भाषाओं के जानकार आलोक के घर में दरवाजा तक नहीं है। बताया जाता है कि उनके छोटे भाई आईआईटी में प्रोफेसर हैं। जबकि मां मिरांडा हाउस में प्रोफेसर और पिता सरकारी अधिकारी थे।

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चुका रहे हैं कुदरत का कर्ज

जब उनसे सामान्य जीवन यापन से जुड़े सवाल किए जाते हैं तब वह कहते हैं कि कुदरत ने उन्हें बहुत कुछ दिया है। अब कुदरत को लौटाने की उनकी बारी है और वह यही कर रहे हैं।

English summary
EX iit profesor alok sagar, who taught raghuram rajan is living a very ordinary life.
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