सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने पर एक संक्रमित व्यक्ति 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है- केंद्र
सोमवार को सरकार ने कहा कि यदि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया तो एक कोरोना मरीज 30 दिन के अंदर 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है।
नई
दिल्ली,
27
अप्रैल।
सोमवार
को
केंद्र
सरकार
ने
कहा
कि
यदि
सोशल
डिस्टेंसिंग
का
पालन
नहीं
किया
गया
तो
एक
कोरोना
मरीज
30
दिन
के
अंदर
406
लोगों
को
संक्रमित
कर
सकता
है।
सरकार
ने
आगे
कहा
कि
कोरोना
के
संक्रमण
को
फैलने
से
रोकने
के
लिए
सोशल
डिस्टेंसिंग
करना
और
मास्क
पहनना
सबसे
जरूरी
उपाय
हैं।
स्वास्थ्य
और
परिवार
कल्याण
मंत्रालय
में
संयुक्त
सचिव,
लव
अग्रवाल
ने
एक
संवाददाता
सम्मेलन
को
संबोधित
करते
हुए
इस
बिंदु
पर
अध्ययन
का
हवाला
दिया।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों ने अपने अध्ययन में पाया है कि यदि कोरोना संक्रमित मरीज सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों का पालन नहीं करेगा तो वह 30 दिनों के अंदर 406 लोगों को कोरोना से संक्रमित कर सकता है। इसके अलावा यदि कोविड-19 का रोगी अपने जोखिम को 50 प्रतिशत तक कम कर देता है तो वह 30 दिनों में 15 लोगों को संक्रमित कर सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि यदि वह 50% अपने शरीर को ढककर रखता है तो 406 की जगह 15 लोगों को ही संक्रमित करेगा और यदि वह 75% अपने शरीर को ढक कर रखता है तो 30 दिनों मे मात्र 2.5 प्रतिशत लोगों को ही संक्रमित करेगा। लव अग्रवाल ने आगे कहा कि कोरोना को कम करने के लिए एक तरफ जहां नैदानिक प्रबंधन जरूरी है वहीं दूसरी तरफ इसके फैलाव को रोकना भी आवश्यक है और इसके लिए हमें नियमित तौर पर मास्क पहनना होगा।
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उन्होंने एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि यदि हम 6 फीट की दूरी पर खड़े है तो भी एक संक्रमित व्यक्ति से आपको कोरोना हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि यदि मास्क सही ठंग से नहीं लगाया तो भी कोरोना से संक्रमित व्यक्ति से असंक्रमित व्यक्ति के संक्रमित होने की 90% संभावना है।
उन्होंने आगे कहा कि यदि असंक्रमित व्यक्ति मास्क पहनता है जबकि कोरोना से संक्रमित व्यक्ति मास्क नहीं पहनता तो इस स्थिति में स्वस्थ्य व्यक्ति को कोरोना होने की 30% संभावना है और यदि कोरोना से संक्रमित व्यक्ति और असंक्रमित व्यक्ति दोनों मास्क पहनते है तो इस स्थिति में मात्र 1.5% कोरोना होने की संभावान है। उन्होंने आगे कहा कि यदि दोनों व्यक्ति मास्क पहनते है और एक-दूसरे से 6 फीट की दूरी पर खड़े होते हैं तो इस स्थिति में कोरोना होने की संभावना एकदम न के बराबर है।