मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद केंद्र की राजनीति की ओर रुख करेंगे शिवराज? दिया यह बड़ा बयान
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने हार की जिम्मेदारी खुद ली और कहा कि हमें बहुमत नहीं मिला है तो हम सरकार बनाने का दावा नहीं कर सकते हैं इसलिए मैं राज्यपाल को मैंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। लेकिन इस दौरान शिवराज ने एक बात कही जिनको लेकर राजनीतिक गलियारों में अलग चर्चा शुरू हो गई है और वो वाक्य है 'मैं अब फ्री हूं'।
शिवराज और रमन के नाम को लेकर चर्चा
चुनाव हारने और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शिवराज सिंह के बयान को कई तरह से जोड़ कर देखा जा रहा है। कुछ राजनीतिक विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि शिवराज सिंह चौहान अब केंद्र की राजनीति में कदम रखने के लिए तैयार है। यही नहीं इनके साथ-साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे डॉ रमन सिंह के नाम भी चर्चा जोरों पर हैं। यह भी कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी इन दोनों को केंद्र की राजनीति में शामिल कर सकती है।
क्यों लगाए जा रहे ऐसे कयास?
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो मध्य प्रदेश की राजनीति में शिवराज सिंह चौहान बड़ा नाम तो है ही साथ में लगातार 15 साल मुख्यमंत्री भी रहे। सबसे बड़ी बात अभी तक के राजनीतिक करियर में एक दो मुद्दों को छोड़ दे तो उनके उपर ऐसा कोई गंभीर आरोप नहीं लगा है चाहे वो भ्रष्टाचार को ले या फिर किसी और क्षेत्र में। ऐसे में अगर शिवर सिंह चौहान केंद्र की ओर रुख करते हैं तो यह बीजेपी के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। क्योंकि शिवराज सिंह की गिनती साफ सुथरी छवि वाले नेताओं में होती है। ऐसे में पार्टी के ऐसे नेता अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
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केंद्र में आने के कयास पर क्या बोले शिवराज सिंह चौहान?
केंद्र की ओर रुख करने की खबर के बीच अब शिवराज सिंह चौहान ने खुद मीडिया के सामने आकर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि वो केंद्र में नहीं जाएंगे। वो मध्य प्रदेश के लिए जियेंगे और मध्य प्रदेश के लिए मरेंगे। ऐसे में शिवारज सिंह चौहान के इस बयान के बाद फिलहाल उनके केंद्र की ओर जाने के सवाल पर विराम लग गया है।
अब चौकीदार की भूमिका में आऊंगा नजर
मुख्य मंत्री पद से इस्तीफे के बाद शिवराज सिंह चौहान ने पार्टी की हार स्वीकार करते हुए कहा कि अब वे चौकीदार की भूमिका में हैं। इसके साथ-साथ शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि वे अपने घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करें। बता दें कि 230 विधानसभा सीटों वाले मध्य प्रदेश में बीजेपी को 109 जबकि कांग्रेस के खाते में 116 सीटें आई हैं। मतलब बहुमत केवल दो सीट ज्यादा।