NIA ने यासीन मलिक के लिए मांगी फांसी, सुनवाई के दौरान बोला यासीन- मैंने सात प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है
नई दिल्ली, 25। टेरर फंडिंग के मामले में NIA की विशेष अदालत जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक के लिए कुछ ही देर में सजा का ऐलान करेगी। NIA ने यासीन मलिक के लिए फांसी की सजा की मांग की है तो वहीं यासीन ने कहा है कि वो कुछ भी नहीं मांगना चाहता और सबकुछ कोर्ट के फैसले पर छोड़ता है। कोर्ट में सजा पर सुनवाई के दौरान यासीन मलिक ने कहा है कि अगर भारतीय खुफिया एजेंसिया यह कर देती हैं कि मैं किसी आतंकवादी गतिविधि या फि किसी हमले में शामिल रहा हूं तो मैं अपनी राजनीति छोड़ दूंगा।
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मैंने सबकुछ कोर्ट के फैसले पर छोड़ दिया है- यासीन
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, यासीन मलिक ने कहा है कि मैंने 7 प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है और पिछले 28 साल से राजनीति में हूं। यासीन ने NIA की मांग को लेकर कहा कि मैं कुछ नहीं मांगूंगा और सबकुछ कोर्ट के फैसले पर ही छोड़ुंगा। आपको बता दें कि एनआईए के स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर ने कोर्ट को बताया है कि कश्मीर से लोगों के पलायन के लिए काफी हद तक यासीन मलिक जिम्मेदार है। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम इन सबमें नहीं जाते हैं और सिर्फ तथ्यों पर बहस करते हैं, क्योंकि यह एक टेरर फंडिंग का मामला है।
टेरर फंडिंग में गुनाह कबूल कर चुका है यासीन
आपको बता दें कि एनआईए की अदालत यासीन मलिक को पहले ही टेरर फंडिंग के मामले में दोषी करार दे चुकी है। वहीं यासीन ने भी टेरर फंडिंग मामले में भी अपना गुनाह कबूल कर लिया था। एनआईए का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने बुधवार को मलिक के खिलाफ अधिकतम सजा की मांग की। वहीं कोर्ट द्वारा नियुक्त न्यायमित्र अखंड प्रताप सिंह ने उम्रकैद की सजा की मांग की है।
'बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद ही कर लिया था अरेस्ट'
यासीन मलिक ने कोर्ट में कहा है कि मुझे बुरहान वानी के एनकाउंटर के आधा घंटे बाद ही गिरफ्तार कर लिया था पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने मुझे पासपोर्ट आवंटित किया और मुझे भारत ने व्याख्यान देने की अनुमति दी, क्योंकि मैं अपराधी नहीं था.।यहां तक कि न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले से पहले मलिक के खिलाफ कोई मामला या मुकदमा नहीं चल रहा था। एनआईए ने धारा 121 के तहत अधिकतम सजा की मांग की है।