HRD मंत्री निशंक की डिग्री पर विवाद, डॉक्यूमेंट में जन्मतिथि भी दो-दो
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नई दिल्ली। शनिवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) का कार्यभार संभालने वाले रमेश पोखरियाल निशंक अपनी डिग्री को लेकर विवादों में आ गए हैं। निशंक की डी.लिट की डिग्री को लेकर दावा किया गया है कि उनकी डिग्री फर्जी है। श्रीलंका की जिस युनिवर्सिटी ने उनको डॉक्टरेट की उपाधि दी है, वह रजिस्टर्ड ही नहीं है। वहीं पासपोर्ट और दूसरे डॉक्यूमेंट में उनकी जन्मतिथि भी अलग-अलग लिखी है।
श्रीलंका की एक ओपन युनिवर्सिटी से मिली है डॉक्टरेट
रमेश पोखरिलयाल निशंक को श्रीलंका स्थित एक अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय से दो-दो मानद डॉक्टरेट की उपाधि मिली हैं। जिसके बाद वो अपने नाम के साथ डॉक्टर लिखते हैं लेकिन जिस विश्वविद्यालय ने उनको डॉक्टरेट की उपाधि दी है, वो श्रीलंका में पंजीकृत ही नहीं है। ऐसे में उनकी डिग्री पर भी सवाल खड़े होते हैं।
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निशंक की जन्मतिथि भी दो-दो
90 के दशक में कोलंबो की ओपेन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ने रमेश पोखरियाल निशंक को शिक्षा में योगदान के लिए एक डी लिट की उपाधि दी। कुछ साल बाद उन्हें इसी युनिवर्सिटी ने एक और डी लिट दी। दूसरी दफा विज्ञान में योगदान के लिए उन्हें डॉक्टरेट दी गई। श्रीलंका के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मुताबिक ये ओपन युनिवर्सिटी श्रीलंका में न तो विदेशी और न ही घरेलू विश्वविद्यालय के तौर पर रजिस्टर्ड है। पिछले साल देहरादून में फाइल हुई एक आरटीआई में निशंक की डिग्री पर ये जानकारी प्राप्त हुई।
इतना
ही
नहीं
निशंक
सीवी
और
पासपोर्ट
में
अलग-अलग
जन्मतिथि
दर्ज
है।
सीवी
के
अनुसार
पोखरियाल
का
जन्म
15
अगस्त
1959
को
हुआ,
जबकि
उनके
पासपोर्ट
में
15
जुलाई
1959
है।
ऐसे
में
उनकी
दो
जन्मतिथियों
में
एक
महीने
का
फर्क
है।
निशंक
इससे
पहले
उत्तराखंड
के
सीएम
भी
रह
चुके
हैं।
ईरानी, मोदी की डिग्री पर भी होता रहा विवाद
2014 में स्मृति ईरानी के मानव संसाधन एवं विकास मंत्री बनने के बाद उनकी डिग्री पर भी विवाद हुआ था। 2004 और 2014 के शैक्षणिक योग्यता में स्मृति ईरानी ने अलग जानकारी दी। वहीं 2019 में भी ईरानी की डिग्री पर विवाद हुआ जब उन्होंने खुद को सिर्फ बारहवीं बताया। बीते पांच सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर भी विपक्ष लगातार सवाल उठाता रहा है और इसे फर्जी करार देता रहा है।
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