कोरोना के खिलाफ वैक्सीन 94% देती है सुरक्षा, 80% घटाती है अस्पताल का रिस्क: स्वास्थ्य मंत्रालय
नई दिल्ली, जून 18: देश में फैल रही महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ पूरे भारत में युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन अभियान जारी है। देश में पहली बार 16 जनवरी से कोरोना टीकाकारण की शुरुआत की गई थी, जिसमें सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगाई गई। इसके बाद 45 से ऊपर की उम्र के लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई। वहीं अब 18 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों का कोरोना टीकाकरण किया जा रहा है। ऐसे में कोरोना वैक्सीन को लेकर नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की ब्रीफिंग में बताया कि कोविड -19 के खिलाफ टीकाकरण संक्रमण से कम से कम 94 प्रतिशत सुरक्षा देता है। साथ ही 75-80 फीसदी तक अस्पताल में भर्ती होने की आशंकाओं को घटा देता है।
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उन्होंने हेल्थकेयर वर्कर्स में टीका की क्षमता पर स्टडी का हवाला दिया बताता है कि ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता की संभावना लगभग 8 प्रतिशत है और आईसीयू का जोखिम टीकाकरण व्यक्तियों में केवल 6 प्रतिशत है। इसके अलावा डॉ. वीके पॉल ने कहा कि कोरोना वैरिएंट आते रहेंगे और बढ़ते रहेंगे। उसे नियंत्रण करने के फॉमूर्ले में कोई बदलाव नहीं आएगा। नए वेरिएंट आए उसके आने से पहले हमें उससे बचने के लिए तैयार रहना चाहिए।
मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पिछले 24 घंटे में सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 7,98,656 हो गई है। पिछले 3 दिनों में सक्रिय मामलों में 1,14,000 की कमी आई है। अब रिकवरी दर बढ़कर 96% हो गई है। हम हर रोज 18.4 लाख कोरोना टेस्ट कर रहे हैं। साथ ही बताया कि पिछले 24 घंटे में देश में 62,480 नए मामले सामने आए हैं। पिछले 11 दिनों से एक लाख से कम मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। कोरोना मामलों के पीक में 85% की कमी देखी गई है।
तीसरी लहर से बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं, AIIMS-WHO के सर्वे में दावा
इसके अलावा कोरोना टीकाकरण की जानकारी देते हुए बताया कि देश में 22 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग गई है और 5 करोड़ से अधिक दूसरी डोज लगाई गई हैं। इसके अलावा कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि यह सच नहीं है कि बच्चों को तीसरी लहर में असमान रूप से प्रभावित किया जाएगा, क्योंकि सीरो सर्वे सभी आयु वर्गों में पारिस्थितिकता लगभग बराबर थी। लेकिन सरकार तैयारी के मामले में कोई कमी नहीं छोड़े रही है।