किसान आंदोलन: सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान पर प्रदर्शनकारियों से वसूली का कानून लाएगी हरियाणा सरकार
किसान आंदोलन: सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान की वसूली प्रदर्शनकारियों से किए जाने का कानून लाएगी हरियाणा सरकार
नई दिल्ली। हरियाणा की भाजपा और जेजेपी की गठबंधन सरकार राज्य में सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान की वसूली प्रदर्शनकारियों से किए जाने का कानून लाने जा रही है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को राज्य के सांसदों के साथ आगामी बजट को लेकर बैठक के बाद इसकी जानकारी दी है। हरियाणा सरकार रिकवरी आफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट बिल को बजट-सत्र में पेश कर सकती है। हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 5 मार्च से शुरू होगा और 10 मार्च को बजट पेश किया जा सकता है।
शनिवार को मनोहर लाल खट्टर ने कहा, कई दूसरे मुद्दों के साथ किसान आंदोलन पर भी आज चर्चा हुई। हालांकि इस मुद्दे पर अब ज्यादा कुछ बात करने के लिए नहीं है क्योंकि केंद्र ने साफ कर दिया है कि नए कानून किसान हित में हैं। हम कहना चाहते हैं कि किसी को भी सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान करने का अधिकार नहीं है, हम इस पर एक नया कानून भी लाने जा रहे हैं, जिसमें प्रदर्शनकारियों से नुकसान की भरपाई का प्रावधान किया जाएगा।
हरियाणा में आंदोलित हैं किसान
केंद्र सरकार बीते साल जून में तीन नए कृषि कानून लेकर आई थी, जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने जैसे प्रावधान किए गए हैं। इसको लेकर किसान जून के महीने से लगातार आंदोलनरत हैं और इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों का आंदोलन जून, 2020 से नवंबर तक मुख्य रूप से हरियाणा और पंजाब में चल रहा था। सरकार की ओर से प्रदर्शन पर ध्यान ना देने की बात कहते हुए 26 नवंबर को किसानों ने दिल्ली के लिए कूच कर दिया। इसके बाद 26 नवंबर, 2020 से देशभर के किसान दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर गाजीपुर बॉर्डर और दिल्ली के दूसरे बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। आंदोलन का हरियाणा में काफी ज्यादा असर है।
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