गुजरात चुनाव से ठीक पहले हार्दिक पटेल के कांग्रेस छोड़ने पर क्या बोले ओवैसी?
ज्ञानवापी शिवलिंग मसले को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी लगातार बीजेपी पर हमलावर हैं। इ
नई दिल्ली, 18 मई: ज्ञानवापी शिवलिंग मसले को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी लगातार बीजेपी पर हमलावर हैं। इस बार ओवैसी के निशाने पर बीजेपी नहीं बल्कि कांग्रेस रही। गुजरात के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल के पार्टी से इस्तीफे के बाद ओवैसी ने बुधवार को कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने महाराष्ट्र पर 15 साल शासन किया, लेकिन अब तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है, जबकि दिल्ली में यह कहीं नहीं दिख रही है। उनके लोग जा रहे हैं। हार्दिक पटेल को अनौपचारिक अध्यक्ष पर कोई भरोसा नहीं था और उन्होंने पार्टी छोड़ दी।
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हार्दिक पटेल ने बुधवार को ट्विटर पर कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया। उन्होंने लिखा कि आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊंगा।
शिवलिंग नहीं फव्वारा मिला
ओवैसी ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग नहीं फव्वारा मिला है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि मुसलमानों को धार्मिक पालन की अनुमति है जिसका मतलब है कि हम वहां वजू कर सकते हैं। यह एक फव्वारा है। अगर ऐसा होता है तो ताजमहल के सभी फव्वारों को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा देश को 1990 के दशक में ले जाना चाहती है जब दंगे हुए थे।उन्होंने कहा कि ऐसे फव्वारे हर मस्जिद में होते हैं। शिवलिंग मिलने के दावे को नकारते हुए ओवैसी ने एक वीडियो भी जारी किया है। वीडियो में ओवैसी ने बताया कि मस्जिद कमेटी की ओर से बताया गया है कि मस्जिद में शिव लिंग नहीं, फव्वारा था। उन्होंने कहा, हर मस्जिद में फव्वारा होता है। ओवैसी ने कहा, कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिश्नर ने शिवलिंग मिलने का दावा अदालत में नहीं किया। लेकिन हिंदू पक्ष के वकील ने कोर्ट में जाकर शिवलिंग मिलने का दावा किया। इस पर कोर्ट ने उस स्थान को सील करने का आदेश दे दिया। ये आदेश 1991 के संसद में बने कानून के खिलाफ है। उन्होंने कहा, अगर मस्जिद में शिवलिंग मिला था तो कोर्ट के कमिश्नर को ये बात बतानी चाहिए थी।
मुसलमान वजू करते हैं
वहीं, दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर की अंजुमन इंतजामिया कमिटी के संयुक्त सचिव ऐसएम यासीन ने भी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि ये उसी जगह की तस्वीर है, जिसे शिवलिंग कह कर प्रचारित किया गया है। उन्होंने बताया कि वो फव्वारा है। इसी फव्वारे को हिंदू पक्ष के लोगों की ओर शिवलिंग बताया जा रहा है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मुगल काल की मस्जिदों में वजू खाने के अंदर फव्वारा लगाए जाने की परंपरा रही है। उसी का एक पत्थर आज सर्वे में मिला है, जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है। हिंदू पक्ष ने शिवलिंग मिलने का किया था दावा वकील दीपक सिंह ने दावा किया है कि 'यह तीसरे दिन का सर्वे था....एक पत्थर मिला, हम दावा कर रहे हैं कि यह शिवलिंग है। यह करीब 3 फीट ऊंचा है। यह उस जगह पर है, जहां मुसलमान वजू करते हैं।