श्रमिक ट्रेन से यात्रा के लिए इन नियमों का करना होगा पालन, रेलवे ने जारी की गाइडलाइन
नई दिल्ली: देश में लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ा दिया गया है। जिस वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लोगों के लिए रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई है। अब इस ट्रेन को लेकर विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी गई है। इस गाइडलाइन के तहत ही ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। रेलवे ने साफ कर दिया है कि श्रमिक ट्रेनों के संचालन का पूरा अधिकार उसके पास है, ऐसे में कभी भी सुरक्षा कारणों से रेलवे इस ट्रेन के संचालन को बंद कर सकता है। वहीं बिना मास्क और स्क्रीनिंग के किसी भी यात्री को यात्रा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। साथ ही गंतव्य पर पहुंचने के बाद सभी यात्रियों को क्वारंटाइन किया जाएगा।
स्थानीय अधिकारी बाटेंगे टिकट
रेलवे के मुताबिक श्रमिक स्टेशल ट्रेनों के संचालन के दौरान राज्य सरकार द्वारा दी गई संख्या के आधार पर ट्रेन टिकट की छपाई होगी। इसके बाद उसे स्थानीय अधिकारियों को दे दिया जाएगा। स्थानीय अधिकारी लोगों को टिकट बांटेंगे और उनसे किराया इकट्ठा करके रेलवे को देंगे। वहीं रेलवे ने स्थानीय अधिकारियों से कोआर्डिनेट करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। ये स्पेशल ट्रेन अपने गंतव्य से पहले किसी भी स्टेशन पर नहीं रुकेगी और 500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी के लिए ही इसका संचालन होगा। रेलवे यात्रा से पहले सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग करेगा। इस दौरान जिनमें कोरोना के लक्षण रहेंगे उन्हें यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
Guidelines to operate ‘Shramik Trains’-Railways to print train tickets to specified destination as per no. of passengers indicated by originating state.Local state govt authority to handover tickets to passengers&collect ticket fare&handover total amount to Railways: Railways Min pic.twitter.com/JAAsZW9YEr
— ANI (@ANI) May 3, 2020
राज्य सरकार को सुरक्षा का जिम्मा
वहीं भीड़ और भगदड़ को रोकने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। राज्य सरकारें स्टेशन पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती करेंगी। श्रमिक ट्रेनों की यात्री क्षमता 1200 है, इससे ज्यादा यात्री नहीं सवार होंगे। वहीं यात्रियों के खाने की व्यवस्था बोर्डिंग स्टेशन पर राज्य सरकार करेगी। यात्रा के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य है। साथ ही यात्रियों के फोन में अरोग्य सेतु ऐप होना चाहिए। 12 घंटे की यात्रा वाली ट्रेनों में एक वक्त का खाना रेलवे उपलब्ध करवाएगा। गंतव्य पर पहुंचने के बाद राज्य सरकार के अधिकारी यात्रियों की स्क्रीनिंग और क्वारंटाइन की व्यवस्था करेंगे। वहीं श्रमिक ट्रेनों के संचालन का पूरा अधिकार रेलवे के पास रहेगा। रेलवे सुरक्षा कारणों से कभी भी ट्रेन के संचालन को बंद कर सकता है।
50 रुपये का अतिरिक्त किराया
जिस ट्रेन से प्रवासी मजदूरों को भेजा जाएगा उसे श्रमिक स्पेशल नाम दिया गया है। उसमें सफर करने के लिए स्लीपर क्लास का किराया वसूला जाएगा। इसके अलावा रेलवे 50 रुपये अतिरिक्त लेगा, जिसमें 30 रुपये सुपरफास्ट किराया और 20 रुपये खाने-पानी का होगा। पश्चिम रेलवे की ओर से किये गये एक ट्वीट में कहा गया है कि सभी लोग स्टेशन ना आएं। सिर्फ वही लोग आएं जो लोग रजिस्टर्ड हैं और जिन्हें उनके राज्य सरकार से अनुमति मिली है। किसी को भी व्यक्तिगत रूप से रेल टिकट नहीं दिए जाएंगे और ना ही कोई व्यक्तिगत अनुरोध स्वीकार किया जाएगा। वहीं गंतव्य तक पहुंचने के बाद सभी को होम क्वारंटाइन किया जाएगा।