
Dev Anand ऐसे बनते हैं : Guide में 60 साल पहले Adultery के मुद्दे पर रखी बेबाक राय, पूर्व PM बोले- ऑल द बेस्ट
नई दिल्ली, 26 सितंबर : देव आनंद से जुड़ा एक और किस्सा है जिसमें भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने देव आनंद को शाबाशी दी थी। गाइड फिल्म से जुड़ा ये किस्सा 'समय से पहले' (Ahed of time) बनाई गई फिल्म कही गई। गाइड फिल्म में पुरुष प्रधान समाज में शादी के बाद भी महिला की महत्वाकांक्षा की बात की गई जो उस समय बन रही किसी भी फिल्म में पहला प्रयास था। समाज में महिला के सपनों को अहमियत देने का संदेश देने वाली इस फिल्म में अभिनेत्री वहीदा रहमान ने रोजी का किरदार निभाया जो भारत की शीर्ष नर्तकी बनने की दिशा में कदम बढ़ाती है। जानिए, गाइड कैसे बनी और क्यों तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने देव आनंद की पीठ थपथपाई थी।

वहीदा रहमान की शानदार भूमिका
एक्टिंग के मामले में गाइड फिल्म देव आनंद के अलावा वहीदा रहमान की अदाकारी आज तक फिल्म प्रशंसकों के जेहन में ताजा हैं। गीतकार शैलेंद्र का लिखा आज फिर जीने की तमन्ना है जैसे सदाबहार गाने आज तक लोगों की जुबान पर हैं। सचिन देव बर्मन और लता मंगेशकर की कला को भी गाइड फिल्म में कमाल की पहचान मिली। वहीदा रहमान ने रोजी का किरदार निभाया था। दिलचस्प है कि ये फिल्म अंग्रेजी भाषा में भी बनाई गई है।

पति के अलावा दूसरे से संबंध रखने वाली महिला !
गाइड फिल्म देव आनंद के करियर का अहम पड़ाव माना जाता है। Ahead of Time यानी वक्त से आगे की कही जाने वाली गाइड से जुड़ा एक रोचक किस्सा ये है कि उस जमाने में महिला को किसी दूसरी छवि में पेश करना खतरे से खाली नहीं। यानी महिलाओं की महत्वाकांक्षा और पति के अलावा दूसरे से संबंध (infidelity) रखने जैसे मुद्दों पर बात करना आज से 55-60 साल पहले के भारत में करीब-करीब असंभव था।

फिल्म में हीरो की मौत, देव आनंद का डेथ वारंट ?
फिल्म के अंत में देव आनंद के लुक्स पर भी टिप्पणी हुई, आशंकाएं जाहिर की गईं कि हैंडसम युवक के किरदार को बढ़ी हुई दाढ़ी के साथ दिखाना ठीक नहीं। इसके अलावा देव आनंद के कैरेक्टर की मौत के बारे में कहा गया, ये उनका डेथ वारंट जैसा होगा, करियर को लेकर आशंकाएं जाहिर की गईं। हालांकि, तमाम आशंकाओं के बावजूद एक प्रसंग ऐसा भी आया जब देश के पहले प्रधानमंत्री ने देव आनंद की पीठ थपथपाई और भविळ्य की शुभकामनाएं दीं।

'गाइड' देव आनंद को सबसे पहले कहां मिली
आरके नारायण के उपन्यास गाइड पर आधारित इस फिल्म के बैकग्राउंड के बारे में कहा जाता है कि देव आनंद को किसी ने यह नॉवेल पढ़ने का सुझाव दिया। लंदन के मशहूर बुक स्टॉल पर देव साहब ने इसकी तलाश की। नॉवेल अगले दिन होटल में डिलिवर किया गया। देव आनंद ने एक ही बार में पूरी लॉवेल पढ़ डाली। देव ने अमेरिकी नॉवलिस्ट पर्ल एस बेक से संपर्क किया। देव साहब ने मुलाकात की।

देव आनंद की आत्मकथा 'रोमांसिंग विद लाइफ'
फिल्म के राइट्स का मुद्दा सामने आने पर आरके नारायण की तलाश हुई। अमेरिका से ही फोन पर दोनों की बातें हुई। इसका भी दिलचस्प किस्सा है कि फोन पर आरके नारायण ने देव आनंद से पूछा कि कौन देवानंद बात कर रहा है ? इस पर देवानंद ने कहा, एक्टर देव आनंद। इस प्रसंग का जिक्र देव आनंद ने अपनी आत्मकथा 'रोमांसिंग विद लाइफ' में किया है। इसके बाद गाइड नॉवेल पर आधारित फिल्म पर बात हुई। आरके नारायण, देवानंद और पर्ल एस बक बेंगलुरू के होटल में मिले।

जब प्रधानमंत्री ने देव आनंद से कहा, ऑल द बेस्ट
तत्कालीन कांग्रेस के एक अधिवेशन में नागपुर में प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और देव आनंद की मुलाकात हुई। देव साहब ने जब पंडित नेहरू को बताया कि वे आरके नारायण के नॉवेल पर फिल्म बना रहे हैं। पंडित नेहरू ने देव आनंद की पीठ थपथपाई और कहा, ऑल द बेस्ट।