गौतम अडाणी बोले- सोलर एनर्जी सेक्टर में खत्म होगा चीन का दबदबा, मिलेंगी चार लाख नौकरियां
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से दुनिया के ज्यादातर देश चीन से नाराज हैं। इसके साथ ही अब कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी वहां से अपना कारोबार समेटने की फिराक में हैं। इस मौके को भारत के लिए बहुत ही बेहतर माना जा रहा है। इस मामले में अब दिग्गज कारोबारी गौतम अडाणी ने बड़ा बयान दिया है। अडाणी के मुताबिक अगले पांच साल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी अहम हैं। जिसमें सोलर सेक्टर में चीनी कंपनियों का दबदबा बिल्कुल खत्म हो जाएगा। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी तैयार होंगे।
नए प्रोजेक्ट में 45 हजार करोड़ का निवेश
इकोनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में गौतम अडाणी ने कहा कि उनकी कंपनी ने 8 गीगावाट के मैन्युफैक्चरिंग-लिंक्ड सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट का टेंडर हासिल कर लिया है। ये प्रोजेक्ट काफी अहम हैं, जिसमें वो 45 हजार करोड़ का निवेश कर रहे हैं। मौजूदा वक्त में चीन के सोलर उपकरणों की भारतीय बाजार में हिस्सेदारी 90 फीसदी है। इस प्रोजेक्ट से तीन से पांच साल में चीन की हिस्सेदारी बहुत ही कम रह जाएगी। साथ ही उन्होंने एसईसीआई द्वारा अपनी कंपनी के चुने जाने पर गर्व जताया है।
आत्मनिर्भर भारत का सपना होगा साकार
अडाणी के मुताबिक वो इस प्रोजेक्ट के तहत पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार करेंगे। उनकी कंपनी का मकसद 25 गीगावाट ऊर्जा का उत्पादन कर 2025 तक भारत को शीर्ष पर पहुंचाना है। इस प्रोजेक्ट से भारत को चीनी उपकरणों की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही देश में चार लाख नौकरियों के रास्ते भी खुलेंगे। इस प्रोजेक्ट में 2 गीगावॉट के सोलर सेल और मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी भी तैयार की जाएगी। इस परियोजना के जीवनकाल में 900 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइ भी विस्थापित होगा।
'भारत पर दांव लगाने का अच्छा मौका'
कुछ दिन पहले अडाणी गैस लिमिटेड की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में गौतम अडाणी ने कहा था कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर में गिरावट हो रही है। इसके बावजूद भारत दुनिया का प्रमुख उपभोग केंद्र होगा। इसके साथ ही भारत पर दांव लगाने का ये सबसे अच्छा मौका है। अडाणी के मुताबिक कोई भी विचार पूरी तरह से सही या गलत नहीं हो सकता है। इस संकट के समय जरूरत ऐसी सरकार की है, जो उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर निर्णय ले सके। उन्होंने कोरोना संकट के दौरान सरकार के फैसलों की भी तारीफ की थी।
चीन से कारोबार समेटेगी स्मार्टफोन बनाने वाली भारतीय कंपनी लावा, देश में करेगी 800 करोड़ का निवेश