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इस एक उम्‍मीद की वजह से भारत के कदमों में आई दुनिया

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नई दिल्‍ली। फ्रांस के विदेश मंत्री लॉरेंट फैबियूस रविवार देर शाम भारत पहुंच गए। अगले दो दिनों तक अपने भारत दौर के तहत फैबियूस भारत के साथ फ्रेंच फाइटर जेट राफाल की डील को आगे बढ़ाने की कोशिश करते नजर आएगे।

फैबियूस के अलावा अगले 10 दिनों के अंदर अमेरिका, ब्रिटेन और कुछ और देशों के राजनयिक भारत यात्रा पर आने वाले हैं।

नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नई केंद्र सरकार भारतीय सेना के आधुनिकीकरण की दिशा में आगे बढ़ रही है और 10 दिनों के अंदर दुनिया भर के राजनयिकों की भारत यात्रा इसी बात को ध्‍यान में रखकर अंजाम दी जाएगी।

मोदी का सपना

नरेंद्र मोदी सरकार डिफेंस सेक्‍टर में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश को मंजूरी देने की तैयारी में है और ऐसे में चाहे रूस हो या अमेरिका, चाहे वह ब्रिटेन हो या फिर फ्रांस, सारे देशों की कोशिश है कि वह भारत सरकार के बीच अपनी पहुंच को और मजबूत बनाएं।

वर्ष 1947 में जब से भारत आजाद हुआ है, देश के हर प्रधानमंत्री ने देश की सेना को अत्‍याधुनिक बनाने का सपना देखा है। नरेंद्र मोदी इसी सपने को आगे बढ़ाने की कोशिशों में लगे हुए हैं।

इसी सोच के तहत वह सेनाओं की क्षमता और उसकी ताकत को दोगुना करने में लगे हुए हैं। वह चाहते हैं कि भारत को न सिर्फ हथियारों के एक बड़े आयातक के तौर पर बनाया जाए बल्कि इसे एक मजबूत निर्यातक भी बनाया जाए।

इसलिए भारत पर हैं सबकी नजरें

लंदन के प्रतिष्ठित किंग्‍स कॉलेज में अतंराष्‍ट्रीय मामलों के प्रोफेसर हर्ष पंत की मानें तो इस समय दुनिया के कई देशों ने भारत पर अपने नजरें गड़ा रखी हैं। उन्‍हें इस बात का अनुमान है कि भारत में अगले कुछ दिनों में बाजार के अंदर नीतियों और नियमों को लेकर कुछ बदलाव आने वाले हैं।

हर्ष पंत की मानें तो इस बात से साफ पता चलता है कि भारत अब अंतराष्‍ट्रीय स्‍तर पर अपनी मौजूदगी को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है। उसे नजरअंदाज करना किसी भी देश के लिए खासा मुश्किल है।

फ्रांस की उम्‍मीद नरेंद्र मोदी

लॉरेंट फैबियूस का नाम उन राजनयिकों की लिस्‍ट में सबसे ऊपर है जो भारत आए हैं। फैबियूस न सिर्फा 15 बिलियन डॉलर की फ्रेंच फाइटर जेट राफाल की डील को आगे बढ़ाएंगे बल्कि वह 20,000 करोड़ के हवा से जमीन पर प्रहार करने वाली मिसाइल सिस्‍टम प्रोजेक्‍ट, जैतपुर न्‍यूक्लियर पावर प्‍लांट और क्‍लाइमेट चेंज जैसे मुद्दों पर भी बात करेंगे।

इन सबमें फ्रांस का जोर राफाल डील को अंतिम स्‍वरूप देना है।

अगले हफ्ते जॉन मैक्‍केन

भारत ने पिछले वर्ष अमेरिका से जो हथियार आयात किए हैं, उसके लिए 6 बिलियन डॉलर की रकम अदा की गई है। भारत, अमेरिका के साथ बैलिस्टिक मिसाइल और कुछ जेट्स की डील को भी अंजाम देने के मूड में हैं।

अगले हफ्ते जब जॉन मैक्‍केन भारत की यात्रा पर आएंगे तो उनकी कोशिश भारत के साथ अमेरिका की एडवांस डिफेंस टेक्‍नोलॉजी पर बातचीत के अलावा दोनों देशों के बीच रक्षा कौशलों के लेनदेन को आगे बढ़ाने की भी होगी।

इस ओर मैक्‍केन ने पिछले हफ्ते ही अपने बयान में इशारा किया है।

ब्रिटेन के विदेश सचिव और वित्‍त मंत्री

जुलाई में ही ब्रिटिश सरकार की ओर से ब्रिटेन के वित्‍त मंत्री जॉर्ज ऑस्‍बोर्न और विदेश सचिव विलियम हॉग को सरकार की ओर से भारत भेजा जा रहा है।

शुक्रवार को ब्रिटिश सरकार से जुड़े एक सूत्र की ओर से इस बाबत एक जानकारी दी गई।

यहां पर यह बात खासी दिलचस्‍प है कि भारत ने वर्ष 2012 में ब्रिटेन के फाइटर जेट यूरोफाइटर टायफून को दरकिनार कर ही फ्रांस के डासॉल्‍ट राफाल फाइटर जेट को मंजूरी दी थी और अगले कुछ दिनों के दौरान वह इस डील को अंतिम मंजूरी दे सकता है।

ब्रिटेन को उस समय भारत के फैसले से खासी निराशा हुई थी। अब नई सरकार के साथ संबंधों में और करीबी लाने और निराशा को दूर करने के लिए ब्रिटेन यह कोशिश करना चाहता है।

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English summary
World hoping a lot from Narendra Modi and new Indian government and rushing to India for defence and other important projects.
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